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स्कूल में छह वर्षाें से नहीं गणित व विज्ञान का कोई अध्यापक

गांव सांघन के राजकीय स्कूल में अध्यापक न होने से सबसे अधिक कठिनाई इस समय स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों को हो रही है। स्कूल में पिछले छह वर्षाें से गणित व विज्ञान का कोई अध्यापक नहीं है करीब छह महीने पहले ही स्कूल में गणित का अध्यापक आया था लेकिन बाद में वह भी डेप्यूटेशन लेकर दूसरे स्कूल में चला गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 09:45 AM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 09:45 AM (IST)
स्कूल में छह वर्षाें से नहीं गणित  व विज्ञान का कोई अध्यापक
स्कूल में छह वर्षाें से नहीं गणित व विज्ञान का कोई अध्यापक

जागरण संवाददाता, कैथल :

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गांव सांघन के राजकीय स्कूल में अध्यापक न होने से सबसे अधिक कठिनाई इस समय स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों को हो रही है। स्कूल में पिछले छह वर्षाें से गणित व विज्ञान का कोई अध्यापक नहीं है, करीब छह महीने पहले ही स्कूल में गणित का अध्यापक आया था, लेकिन बाद में वह भी डेप्यूटेशन लेकर दूसरे स्कूल में चला गया। स्कूल में गणित व विज्ञान का कोई अध्यापक न होने पर कहा कि उन्हें पढ़ाई के दौरान गणित व विज्ञान की शुरूआती जानकारी भी नहीं मिल पा रही है। विद्यार्थियों ने शिक्षा विभाग पर आरोप लगाया कि विभाग जानकारी होने के बावजूद भी स्कूल में अध्यापकों के नियुक्ति को लेकर कोई कदम नहीं उठा रहा है।

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कैसे सार्थक होगा बेटी बचाओ,

बेटी पढ़ाओ अभियान :

स्कूल की दसवीं कक्षा की छात्रा रेनू व रीना ने बताया कि सरकार की ओर से बेटियों को शिक्षा देने के लिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया गया है। लेकिन सांघन के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में बेटियों को अध्यापकों की कमी में सही ढंग से शिक्षा नहीं मिल पा रही है। छात्राओं ने बताया कि जिला मुख्यालय के स्कूल गांव से 20 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर स्थित है। जिस कारण छात्राओं को ग्रामीण अधिक दूर स्थित स्कूलों में नहीं भेजते है, ऐसी स्थिति में छात्राओं को दसवीं के बाद ही घर बैठना पड़ रहा है। स्कूल में अध्यापकों की कमी को जल्द दूर किया जाए।

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बीइओ से लेकर निदेशक से मिले, नहीं हुआ समाधान :

स्कूल में एसएमसी प्रधान सुंदर सिंह ने बताया कि स्कूल में अध्यापकों की समस्या को लेकर वे बीइओ से लेकर शिक्षा विभाग हरियाणा से गुहार लगा चुके है। लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी है। इसका कोई समाधान नहीं हो रहा है। सरकार को चाहिए है कि वे विभाग के अधिकारियों को सख्त आदेश दें, ताकि स्कूल में शिक्षकों की कमी दूर हो सके।


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