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फिर धरने पर बैठे किसान नहीं डलने दिया कचरा

खुराना रोड स्थित कचरा डं¨पग प्लांट पर किसानों ने खुराना रोड स्थित कचरा डं¨पग प्लांट पर किसानों ने तीसरी बार धरना शुरू कर दिया है। किसानों की मांग है कि डीसी या तो उन्हें मिलने बुलाए या यहां खुद आए। उचित आश्वासन मिला तो धरना समाप्त होगा नहीं तो इस बार धरना समाप्त नहीं किया जाएगा। शुक्रवार को कचरा लेकर आए वाहनों को भी किसानों ने वापस भेज दिया। धरना शुरू होने की सूचना मिलते ही सीएसआइ मोहन भारद्वाज व सदर थाने से एसआइ पाला राम मौके पर पहुंचे। दोनों से किसानों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन किसानों ने एक नहीं सुनी। नप अधिकारी ने कहा कि कचरा समतल कर दिया गया है। अब तो उन्हें यहां कचरा डालने दो, लेकिन किसानों ने कहा कि अब जो भी हो जाए यहां दोबारा कचरा नहीं डालने दिया जाएगा। आधा घंटा किसानों को समझाने के बाद अधिकारी बैरंग लौट गए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 12:58 AM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 12:58 AM (IST)
फिर धरने पर बैठे किसान  नहीं डलने दिया कचरा
फिर धरने पर बैठे किसान नहीं डलने दिया कचरा

जागरण संवाददाता, कैथल : खुराना रोड स्थित कचरा डं¨पग प्लांट पर किसानों ने तीसरी बार धरना शुरू कर दिया है। किसानों की मांग है कि डीसी या तो उन्हें मिलने बुलाए या यहां खुद आए। उचित आश्वासन मिला तो धरना समाप्त होगा नहीं तो इस बार धरना समाप्त नहीं किया जाएगा। शुक्रवार को कचरा लेकर आए वाहनों को भी किसानों ने वापस भेज दिया। धरना शुरू होने की सूचना मिलते ही सीएसआइ मोहन भारद्वाज व सदर थाने से एसआइ पाला राम मौके पर पहुंचे। दोनों से किसानों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन किसानों ने एक नहीं सुनी। नप अधिकारी ने कहा कि कचरा समतल कर दिया गया है। अब तो उन्हें यहां कचरा डालने दो, लेकिन किसानों ने कहा कि अब जो भी हो जाए यहां दोबारा कचरा नहीं डालने दिया जाएगा। आधा घंटा किसानों को समझाने के बाद अधिकारी बैरंग लौट गए।

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किसान सुखपाल ¨सह, देशराज, मुखत्यार ¨सह, महेंद्र, अमृत ने बताया कि उनकी मांग कचरा प्लांट को दूसरी जगह शिफ्ट करवाने की है। जब तक समस्या का समाधान नहीं होता वे चुप नहीं बैठेंगे। प्रशासन को कई बार समय भी दे चुके हैं, लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है।

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16 दिन में कुत्ते भी नहीं

पकड़ पाए नप अधिकारी

किसानों ने आरोप लगाया है कि 16 दिनों में नगर परिषद अधिकारी प्लांट पर घूमने वाले आवारा कुत्ते भी नहीं पकड़ पाए हैं। छह सितंबर को किसान डीसी से मिले थे। उस दौरान आश्वासन दिया गया था की एक सप्ताह के अंदर प्लांट से कुत्ते पकड़ लिए जाएंगे। प्लांट पर करीब 15 कुत्तों का झुंड रहता है। वहीं मांस खाकर वे पागल हो जाते हैं और लोगों को काट लेते हैं। कई बार किसानों को काट भी चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा।

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प्लांट पर चल रहा काम

कचरा डं¨पग प्लांट पर काम चल रहा है। कचरे को समतल कर दिया गया है। उसके साथ ही प्लांट के अंदर ही 20 फीट गहरा गड्ढा खोदा जा रहा है। गड्ढे से निकलने वाली मिट्टी को समतल किए गए कचरे पर डाला जाएगा। प्लांट में मक्खियों को खत्म करने के लिए दवाई का छिड़काव भी किया गया है। बृहस्पतिवार को कचरा प्लांट में कचरा भी डाला गया, लेकिन शुक्रवार को किसानों से दोबारा से उसे बंद करवा दिया।

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परेशान हो चुके नप अधिकारी

किसानों के धरने के कारण नगर परिषद अधिकारी भी परेशान हो चुके हैं। शहर से रोजाना करीब 60 टन कचरा उठाया जाता है। इतना कचरा डालने के लिए नप के पास कोई वैकल्पिक जगह भी नहीं है। बार-बार किसानों के धरने ने अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। शहर से बाहर जहां भी कचरा डाला जाता है वहीं विरोध शुरू हो जाता है।

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धरने पर बैठे किसानों को समझाने के लिए गए थे, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी। मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया जा चुका है। प्रशासनिक अधिकारी ही इस समस्या का समाधान करने का प्रयास करेंगे। कचरा प्लांट को समतल कर दवाई का छिड़काव भी करवाया गया है।

- मोहन भारद्वाज, मुख्य सफाई निरीक्षक नगर परिषद।


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