डीसी के सामने आई आवास योजना की जमीनी हकीकत
राजौंद नगर पालिका में बृहस्पतिवार को डीसी सुजान सिंह ने खुला दरबार लगाया। डीसी यहां 170 मिनट रूके और प्रशासनिक दावा है कि इतने समय में 200 शिकायतों की सुनवाई की गई। शिकायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना की जमीनी हकीकत सामने आई। योजना का लाभ लेने के लिए लोग कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। कई लोग तो ऐसे हैं जो कई-कई बार आवेदन कर चुके हैं इसके बावजूद लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। कहीं सर्वे नहीं हुआ तो कहीं पात्र होने के बावजूद दूसरी व तीसरी किश्त के लिए लोग डेढ़ से दो सालों से चक्कर काट रहे हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल:
राजौंद नगर पालिका में बृहस्पतिवार को डीसी सुजान सिंह ने खुला दरबार लगाया। डीसी यहां 170 मिनट रूके और प्रशासनिक दावा है कि इतने समय में 200 शिकायतों की सुनवाई की गई। शिकायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना की जमीनी हकीकत सामने आई। योजना का लाभ लेने के लिए लोग कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। कई लोग तो ऐसे हैं जो कई-कई बार आवेदन कर चुके हैं, इसके बावजूद लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
कहीं सर्वे नहीं हुआ तो कहीं पात्र होने के बावजूद दूसरी व तीसरी किश्त के लिए लोग डेढ़ से दो सालों से चक्कर काट रहे हैं। महिलाओं ने डीसी के सामने शिकायत रखते हुए कहा कि साहब हम चक्कर लगाते हुए थक चुके हैं। आवेदन करने के बावजूद सर्वे के लिए कोई पहुंच नहीं रहा है। दलाल घरों के चक्कर काटते हैं और 10 से 15 हजार रुपये की राशि मांगते हैं। कई लोगों ने तो अपना मकान तक गिरा दिया और ठंड के इस मौसम में झोपड़ी डालकर खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।
लोगों की शिकायत सुनने के बाद डीसी ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए पांच दिन में आई शिकायतों पर कार्रवाई के निर्देश दिए। कहा कि आवेदनों की जांच करते हुए जो लोग योजना के पात्र हैं उन्हें लाभ दिया जाए।
धक्का मारकर निकाल देते हैं बाहर : राजीव
राजौंद वार्ड नंबर दो निवासी राजीव ने बताया कि वे अपाहिज है। दो साल पहले आवास योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया था, लेकिन आज तक भी कोई सर्वे के लिए नहीं आया है। कार्यालयों में कागज लेकर आता हूं तो धक्के मारकर बाहर निकाल देते हैं। सिफारिश वालों को मकान मिल रहे हैं, उन्हें पात्र होने के बावजूद लाभ नहीं दिया जाता।
कोई सुनवाई नहीं हो रही
राजौंद निवासी दलीप सिंह ने बताया कि सैकड़ों बार आवास योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर चुका हूं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पांच हजार रुपये खर्च कर नक्शा भी पास करवाया जा चुका है, लेकिन अधिकारी सुनवाई ही नहीं कर रहे हैं।
पीने के पानी को तरसे इंदिरा कालोनी के लोग
इंदिरा कालोनी में 20 से 25 मकान हैं। यहां के लोगों के पीने के पानी को लेकर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 10 से 15 किलोमीटर दूर तक लोग झोटा-बुग्गी में पानी लाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। कई बार अधिकारियों को शिकायत दे चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
बीपीएल योजना से बाहर कर दिया
वहीं राजौंद निवासी महिला कविता ने शिकायत में बताया कि आवास योजना के तहत उनकी एक किश्त आ चुकी है, अब उन्हें लेंटर का मकान बना दिया, लेकिन बीपीएल योजना से बाहर कर दिया।
बेसहारा पशुओं की समस्या रखी
सेरहदा गांव के लोगों ने बेसहारा पशुओं को लेकर समस्या रखी। ग्रामीणों ने कहा कि 200 से ज्यादा बेसहारा पशु गांव में हैं। गेहूं की फसल बर्बाद हो रही है। बेसहारा पशुओं को यहां से पकड़कर गोशाला में छुड़वाया जाए, ताकि किसानों को कोई नुकसान न हो। डीसी ने कहा कि गोशालाओं में जगह काफी कम है, इसलिए किसान अपने स्तर पर ही इस समस्या का हल करें तो बेहतर होगा। किसानों ने राजौंद में गोशाला खोलने की मांग रखी तो डीसी ने सरकार को प्रस्ताव भिजवाने का आश्वासन दिया।
इसी प्रकार कोटड़ा, सौंगल, किठाना के लोगों ने गली निर्माण, पानी की निकासी व बस सुविधा न होने की शिकायत रखी। इसी प्रकार राजौंद की छैना बस्ती के लोगों ने गली बनवाने के लिए मांग, संतोष माजरा निवासियों ने तालाब के पानी की निकासी, राजौंद निवासी कपिल ने तालाब के गंदे पानी की निकासी की समस्या रखी तो डीसी ने नगर पालिका और जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को उचित कार्रवाई के निर्देश जारी किए।