कंजकों का पूजन कर जिलेभर में मनाया दुर्गाष्टमी का पर्व
जिलेभर में शनिवार को दुर्गाष्टमी का पर्व मनाया गया। बता दें कि इस बार दशहरा पर्व और दुर्गा नवमी पर्व एक साथ आ रहा है। ऐसे में शनिवार को कन्याओं का पूजन कर नवरात्र पर्व पर रखे गए व्रत को खोला गया।
जागरण संवाददाता, कैथल : जिलेभर में शनिवार को दुर्गाष्टमी का पर्व मनाया गया। बता दें कि इस बार दशहरा पर्व और दुर्गा नवमी पर्व एक साथ आ रहा है। ऐसे में शनिवार को कन्याओं का पूजन कर नवरात्र पर्व पर रखे गए व्रत को खोला गया। पिछले सात दिनों में श्रद्धालु मंदिरों में उपासना करने के लिए पहुंच रहे हैं। वह कन्याओं का पूजन कर अपना उपवास खोला। अष्टमी पर्व शहर के मंदिरों में सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने कंजकों को भोजन करवाने के बाद अन्न जल ग्रहण किया। कंजकों को भोजन करवाने के लिए सुबह ही श्रद्धालु गलियों में कन्याओं को ढूंढते रहे। वहीं कन्याओं की कमी के कारण उन्हें काफी परेशानियां भी हुई। दुर्गा अष्टमी को लेकर शहर के विभिन्न मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। श्रद्धालुओं ने हलवे का भोग लगाकर पूजा अर्चना की। सबसे पहले कंजकों के पैर धुलाए गए। इसके बाद उनको मौली बांधी और तिलक लगाया। वहीं, सीवन में भी श्रद्धालुओं ने कन्या पूजन करके व कन्याओं को हलवा, पूरी, काले चने व नारियल का प्रसाद खिलाकर स्वयं भोजन ग्रहण किया।
दुर्गाष्टमी व महानवमी पूजन का बड़ा महत्व :
छोटी देवी मंदिर के पुजारी विनायक भारद्वाज ने बताया कि हर वर्ष नवरात्र का पर्व दो बार हर्षोल्लास से साथ मनाया जाता है। शारदीय नवरात्र वसंत ऋतु में आते हैं। आदिशक्ति मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए नवरात्र में दुर्गाष्टमी व महानवमी पूजन का बड़ा महत्व है। इस अष्टमी व नवमी की कल्याणदायक, शुभ बेला श्रद्धालु भक्तजनों को मनोवांछित फल देकर नौ दिनों तक लगातार चलने वाले व्रत व पूजन महोत्सव के संपन्न होने के संकेत देती है।
श्री दुर्गाष्टमी पर की कन्याओं की पूजा
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सीवन : मां दुर्गा के भक्तों ने श्री दुगर अष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया। भक्तों ने कन्याओं की पूजा की व प्रसाद खिलाकर उपहार दिए। भक्त जिस घर कन्या पूजन हो रहा होता था तो उस घर के बाहर कन्याओं को अपने घर ले जाने के लिए इंतजार करना पड़ा। ऐसा कई भक्तों के घर के बाहर देखा गया।
पाई : शनिवार को क्षेत्र में नवरात्र के समापन पर भक्तजनों ने कन्याओं का पूजन किया। इस दौरान लोग अपने आस पास के घरों से सुबह के समय कन्याओं को बुलाने के लिए तत्पर दिखाई दिए। भक्तजनों ने कन्याओं को सबसे पहले तिलक करके पूजन किया।
दुर्गाष्टमी पर्व पर कन्याओं को चुनरी ओढ़ाई
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कलायत : मां दुर्गाष्टमी पर्व पर बेटियों को पलकों पर बैठाया। कन्याओं को लाल चुनरी ओढ़ाई। मां की ज्योति रोशन करते हुए लाडलियों को विभिन्न तरह के व्यंजन खिलाए गए। हर जगह बेटियों को मां दुर्गा के रूप में देखते हुए उनके चरणों को पखारा गया। श्री कपिल मुनि धाम पुजारी वेद प्रकाश गौतम और कृष्ण गौतम ने बताया कि पर्व भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। पर्व मानवीय जीवन को आदर्श जीवन जीने का संदेश देते हैं।