पक्षियों की प्रजातिया प्रकृति में बनी रहे इसके लिए सांझे प्रयास जरूरी
प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव जहां हम प्रकृति की बड़ी नियामतों से वंचित हुए है वहीं सुबह उठते ही कानों में पक्षियों की चहचहाट का रस घोलना भी बीते दिनों की बात हो गई है।
जागरण संवाददाता, कैथल :
प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव जहां हम प्रकृति की बड़ी नियामतों से वंचित हुए है, वहीं सुबह उठते ही कानों में पक्षियों की चहचहाट का रस घोलना भी बीते दिनों की बात हो गई है। पक्षियों की जो प्रजातिया शेष रह गई है, वो प्रकृति में बनी रहे इसके लिए संस्था सेवा संघ ने एक अनूठा प्रयास किया है।
संस्था की तरफ से रविवार अल सुबह जवाहर पार्क में कार्यक्रम आयोजित कर पक्षियों के लिए दाना और पीने के पानी के लिए मिटटी का कसोरे शहरवासियों ने वितरित किए। कैथल सहकारी शुगर मिल के एमडी जगदीप सिंह भी इस कार्यक्रम में भागीदार बने। संघ सदस्यों ने नागरिकों को पक्षियों डालने के लिए दाने का पैकेट और पानी के लिए मिटटी के कसोरे निशुल्क वितरित किए। सेवा संघ के सदस्यों ने नागरिकों से अपील भी की कि वे पक्षियों को प्रतिदिन दाना पानी देते रहे। एमडी जगदीप सिंह ने कहा कि सेवा संघ के सदस्य एक लम्बे समय से मानवता की सेवा कर रहे है।
कोरोना महामारी के संकट के समय भी संस्था सभी सदस्यों ने दिन रात मानवता की सेवा करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि जीव-जंतु और पक्षी इस प्रकृति का महत्वपूर्ण अंग हैं।
इस अवसर पर नवीन मल्होत्रा, अशोक भारती, चन्द्र मालिक, अरविन्द चावला, सुभाष कथूरिया, प्रदीप चावला, जगन नाथ गुगलानी, भारत भूषण सतीजा, हैप्पी टागड़ा, राजू डोहर मौजूद थे।