शुगर मिल चिप घोटाले में दो अफसर सहित तीन को किया सस्पेंड
शुगर मिल में हुए चिप घोटाला मामले को लेकर किसानों की शिकायत के बाद तीन कर्मचारियों पर गाज गिरी। स्पेशल जांच टीम तरफ से की गई जांच में तीनों पर आरोप सही पाए गए हैं। इस आधार पर डीसी ने तीनों कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है। इनमें मिल के सेल्स मैनेजर जगदीश, लेबर वेलफेयर अधिकारी अचलवीर व कांटा सीटर सूरजभान शामिल है। जांच में सामने आया कि गन्ना की खोई में कर्मचारियों ने गोलमाल किया। इस मामले को लेकर डायेक्टर ने जांच की थी। पिछले साल जून व जुलाई माह में 500 ¨क्वटल खोई ज्यादा निकाली गई। डायेक्टर ने रिपोर्ट डीसी को देते हुए कार्रवाई के आदेश दिए थे। डीसी ने एमडी को कार्रवाई के लिए लिखा था, लेकिन एमडी का तबादला होने के बाद यह कार्रवाई अधूरी थी।
जागरण संवाददाता, कैथल :
शुगर मिल में हुए चिप घोटाला मामले को लेकर किसानों की शिकायत के बाद तीन कर्मचारियों पर गाज गिरी। स्पेशल जांच टीम तरफ से की गई जांच में तीनों पर आरोप सही पाए गए हैं। इस आधार पर डीसी ने तीनों कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है। इनमें मिल के सेल्स मैनेजर जगदीश, लेबर वेलफेयर अधिकारी अचलवीर व कांटा सीटर सूरजभान शामिल है। जांच में सामने आया कि गन्ना की खोई में कर्मचारियों ने गोलमाल किया। इस मामले को लेकर डायेक्टर ने जांच की थी। पिछले साल जून व जुलाई माह में 500 ¨क्वटल खोई ज्यादा निकाली गई। डायेक्टर ने रिपोर्ट डीसी को देते हुए कार्रवाई के आदेश दिए थे। डीसी ने एमडी को कार्रवाई के लिए लिखा था, लेकिन एमडी का तबादला होने के बाद यह कार्रवाई अधूरी थी। बुधवार को नए एमडी ने ज्वाइन किया। बृहस्पतिवार को एमडी ने डीसी के आदेशों पर कार्रवाई करते हुए तीनों कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है। बाक्स-
ये था मामला
मिल से प्राप्त होने वाली चीनी, खोई व अन्य उत्पादों की तुलाई के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कांटे में रिमोट चिप लगाकर करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया था।भारतीय किसान संघ से जुड़े किसानों ने मिल में हुए इस घोटाले की राशि को 108 करोड़ रुपये बताया था। उन्होंने गन्नो लेकर आ रहे किसानों के गन्ने की तौल में भी गोलमाल करने के आरोप लगाए हैं। किसानों ने जिला प्रशासन के साथ-साथ सीएम, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, कृषि मंत्री ओपी धनखड़, सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर से भी मामले की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की थी। जब शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो किसानों ने मिल के गेट पर दिन-रात अनशन शुरू किया था। किसानों ने मिल के तत्कालीन एमडी पर भी जांच को प्रभावित करने के आरोप जड़े थे। उनकी मांग को देखते हुए मिल के एमडी का तबादला कर दिया गया। इसके अलावा किसानों की मांग पर मामले की जांच कर रहे डीएसपी तरुण सैनी के स्थान पर डीएसपी रामकुमार को जांच दी गई है। प्रशासन की इस कार्रवाई को लेकर किसानों ने एकजुटता की जीत बताया है।
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15 जनवरी को किसानों ने समाप्त किया था अनशन :
मिल में करीब 20 दिनों से अनशन पर बैठे भारतीय किसान संघ के किसानों ने मामले की जांच न होने पर 15 जनवरी को महापंचायत कर प्रदर्शन किया था।
इस दौरान डीसी धर्मवीर ¨सह ने मौके पर पहुंचकर किसानों को आश्वासन दिया था कि दो माह के अंदर जांच पूरी कर ली जाएगी। सात दिन में गन्ना तौल मामले का निपटारा किया जाएगा। इस आश्वासन पर किसानों ने अनशन को समाप्त कर दिया था। किसानों ने प्रशासन को चेताया था कि अगर दिए गए समय में तौल मामले का निपटारा नहीं हुआ तो वे दोबारा अनशन शुरू कर देंगे।
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डीसी धर्मवीर ¨सह ने पुष्टि करते हुए बताया कि चिप मामले में खामियां मिलने पर मिल के तीनों कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है। किसानों ने चिप घोटाले को लेकर जो आरोप लगाएं हैं उसे लेकर जांच की जा रही है।