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कर्मचारी बोले न चुनाव में ड्यूटी दी, मत का अधिकार भी छीन लिया

लोकसभा चुनाव में ड्यूटी में लगे कर्मचारियों के लिए निर्वाचन कर्तव्य प्रमाणपत्र (ईडीसी) जारी नहीं करना बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। कर्मचारी दबी जुबान में कई दिनों से ही ईडीसी जारी न करने का विरोध कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 May 2019 10:15 AM (IST)Updated: Mon, 13 May 2019 10:15 AM (IST)
कर्मचारी बोले न चुनाव में ड्यूटी दी, मत का अधिकार भी छीन लिया
कर्मचारी बोले न चुनाव में ड्यूटी दी, मत का अधिकार भी छीन लिया

विक्रम पूनिया, कैथल

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लोकसभा चुनाव में ड्यूटी में लगे कर्मचारियों के लिए निर्वाचन कर्तव्य प्रमाणपत्र (ईडीसी) जारी नहीं करना बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। कर्मचारी दबी जुबान में कई दिनों से ही ईडीसी जारी न करने का विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार के दबाव में एक प्लानिग के तहत प्रशासन ने ऐसा किया है। चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों से वोट डालने का अधिकारी भी छीन लिया गया है, जबकि पूर्व में ऐसा कभी नहीं हुआ। कैथल जिले में ही ऐसे कर्मचारियों की संख्या सात से आठ सौ बताई जा रही है, जबकि प्रदेश में यह संख्या कई हजारों में हैं। इसके अलावा आरक्षित चुनावी ड्यूटी के नाम पर सैकड़ों कर्मचारियों को परेशान किया गया है। इनको न तो चुनावी ड्यूटी दी गई है, न हाजिरी ली गई है और इन्हें ड्यूटी के लिए मिलने वाला मानदेय मिलेगा या नहीं इसका भी इन्हें मालूम नहीं है।

क्या है निर्वाचन कर्तव्य प्रमाणपत्र और पोस्टल बैलेट

जिन कर्मचारियों की ड्यूटी संबंधित लोकसभा चुनावी क्षेत्र में लगाई गई, उन्हें निर्वाचन कर्तव्य प्रमाणपत्र (ईडीसी) जारी की जाती है और जिनकी ड्यूटी दूसरे जिलों में है या दूसरे जिलों से आने वाले कर्मचारियों की है, उनका मतदान पोस्टल बैलेट के जरिये होता है, लेकिन ईडीसी नहीं मिलने से जो कर्मचारी मतदान नहीं कर पाए वे चुनाव संपन्न होने के बाद मतदान नहीं कर सकेंगे।

न ड्यूटी दी न हाजिरी लगाने दी

आरकेएसडी स्कूल में बनाए गए चुनावी बूथ पर ऐसे कर्मचारियों की संख्या 30 के करीब थी, जिन्हें आरक्षित स्टाफ में ड्यूटी पर तो बुलाया गया था, लेकिन इन्हें ड्यूटी नहीं दी गई। इतना ही नहीं इनको सख्त आदेश दिए गए थे कि अगर उन्होंने 12 मई को सुबह छह बजे रिपोर्ट नहीं किया तो एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। ड्यूटी न देने और मतदान के लिए ईडीसी जारी नहीं करने से कर्मचारियों में रोष है।

महिला कर्मचारियों ने रोया दुखड़ा

जुलानी खेड़ा निवासी कर्मचारी निर्मल, धड़ौल्ली निवासी कुसुम देवी, सिवाह निवासी सुदेश, कैथल निवासी गीता कालड़ा, नरवाना निवासी सुशीला कुमारी, कलायत निवासी कविता, कैथल निवासी दर्शना देवी ने कहा कि सुबह छह बजे बुलाया गया था। न चुनावी ड्यूटी दी, न वोट करने के लिए ईडीसी जारी की और न किसी ने हाजिरी लगवाई। इतना ही नहीं ड्यूटी पर होने के बावजूद खाना तक नहीं दिया गया है। वे सुबह से भूखे-प्यासे बैठी रहीं। उन्हें नहीं लगता है कि मानदेय भी उन्हें दिया जाएगा। अधिकारियों से बात करती हैं तो समस्या सुनना तो दूर काटने को दौड़ते हैं। वे मानसिक रूप से परेशान हो चुके हैं।

प्रदर्शन कर डीसी को देंगे ज्ञापन

-हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के सचिव सतबीर गोयत ने कहा कि यह बड़ा संवेदनशील मुद्दा है। सभी कर्मचारी इससे वाकिफ हैं और जानबूझकर कर्मचारियों को वोट से वंचित किया गया है। चुनावी ड्यूटी खत्म होते ही वे इसके लिए प्रदर्शन कर डीसी को ज्ञापन देंगे और सभी कर्मचारियों के मत का अधिकार छीनने वालों के खिलाफ कार्रवाई और मताधिकार के उपयोग की मांग करेंगे।

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