स्मॉग का कहर, दृश्यता कम, सांस लेने में परेशानी
शनिवार को वायु में प्रदूषण का स्तर कम पाया गया था लेकिन रविवार को दोबारा से प्रदूषण स्तर बढ़ गया। शनिवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 40
जागरण संवाददाता, कैथल : शनिवार को वायु में प्रदूषण का स्तर कम पाया गया था, लेकिन रविवार को दोबारा से प्रदूषण स्तर बढ़ गया। शनिवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 408 था जो रविवार को दोपहर दो बजे तक 453 तक पहुंच गया था। शहर के लोग दूषित वातावरण में सांस लेने को मजबूर हैं। सुबह ही आसमान में स्मॉग फैली रही। स्मॉग के कारण दृश्यता न के बराबर ही रही।
स्मॉग से वाहन चालकों को ज्यादा परेशानी उठानी पड़ी। दिन के समय में वाहन चालकों को लाइट जलाकर सफर करना पड़ा। लोगों को घरों से निकलते ही आंखों में जलन की समस्या हो रही है। अस्पतालों में भी आंख व गले के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। गहरे स्मॉग के कारण दिनभर सूर्य देवता के दर्शन भी नहीं हुए। हरियाणा में कैथल जिला वायु प्रदूषण के हिसाब से चौथे स्थान पर है।
यह रहा प्रदूषण का स्तर
तीन नवंबर को वायु में प्रदूषण का स्तर पहले से बढ़ा हुआ पाया गया। पीएम 2.5 न्यूनतम 41, एवरेज 313 व अधिकतम 426 तक रहा। पीएम 10 न्यूनतम 198, एवरेज 453 व अधिकतम 500 तक रहा। इसके अलावा कार्बन मोनोऑक्साइड, ओजोन, सल्फर डाईऑक्साइड, एल्युमिनियम का स्तर भी पहले से बढ़ा हुआ पाया गया।
वायु में प्रदूषण का स्तर
बढ़ने के कारण
करीब एक सप्ताह से वायु में प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। दीपावली पर जलाए गए बम-पटाखों से निकले धुंए के कारण ही यह समस्या खड़ी हुई है। दीपावली के दिन रात करीब 12 बजे तक 15 से 20 लाख रुपये के पटाखे जलाए गए। इनसे निकला धुंआ वातावरण में फैल गया। तेज हवा न चलने और बरसात न होने के कारण वायु में प्रदूषण का स्तर कम नहीं हुआ।
ये हैं बचाव के कुछ तरीके
- घर के खिड़की व दरवाजों को पर्दे लगाकर बंद रखें।
- घर से निकलें तो मास्क का इस्तेमाल करें।
- शरीर में फाइबर व पानी की कमी न होने दें।
- नाक, मुंह व गले को साफ करते रहें।
- सांस की समस्या से बचने के लिए हल्का गुनगुना पानी पीएं।
- ब्लैक कॉफी, अदरक की चाय या ग्रीन टी लेने से फायदा होगा।
नाक व गले के मरीज बढ़ रहे
जिला नागरिक अस्पताल में गले व नाक की चिकित्सक डॉ. नमिता गुप्ता ने बताया कि एक सप्ताह से अस्पताल में नाक व गले के मरीज बढ़ रहे हैं। वायु में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाने से लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। अस्पताल में अमूमन 150 से 200 ओपीडी होती थी, लेकिन एक सप्ताह से 300 से 350 ओपीडी हो रही है। गले में खरास की सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। लोगों को घर से बाहर निकलते हुए मास्क लगाना चाहिए। अगर सांस लेने में या गले में परेशानी ज्यादा हो तो तुंरत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
छोटे बच्चे व बुजुर्ग इससे ज्यादा प्रभावित हो रहे
गुप्ता आई स्पेशिलिटी अस्पताल के संचालक डॉ. विकास गुप्ता ने बताया कि वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने से सबसे ज्यादा परेशानी आंखों को हो रही है। आंखों में जलन के केस सबसे ज्यादा आ रहे हैं। जलन के कारण आंखों से पानी बहने लग जाता है। छोटे बच्चे व बुजुर्ग इससे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। घर से निकलते समय आंखों पर चश्मा जरूर लगाकर चलना चाहिए। घर जाते ही पानी से आंखों को साफ करना बहुत जरूरी है।
पुख्ता इंतजाम किए गए
सिविल सर्जन डॉ. सुरेंद्र नैन ने बताया कि बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर को लेकर अस्पताल में पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कुछ दिनों से ओपीडी भी बढ़ रही है, जिसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को दी जा रही है। आंख, नाक व गले के डॉक्टरों को अलर्ट किया गया है। इमरजेंसी को लेकर भी डॉक्टरों की टीम को ड्यूटी पर रहने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।