आठ दिन में 16 हजार किसान हो पाए कवर, सात दिन में चार लाख तक कैसे पहुंचेगा प्रशासन
केंद्र सरकार मार्च के पहले सप्ताह तक किसानों के खाते में दो-दो हजार रुपये डालना चाहती है, लेकिन प्रशासन का ढुलमुल रवैया सरकार की योजना पर पानी फेर सकता है। 25 फरवरी तक जिला के चार लाख 19 हजार 335 किसानों का डाटा प्रशासन को किसानों से एकत्र कर पोर्टल पर अपलोड करना है।
विक्रम पूनिया, कैथल
केंद्र सरकार मार्च के पहले सप्ताह तक किसानों के खाते में दो-दो हजार रुपये डालना चाहती है, लेकिन प्रशासन का ढुलमुल रवैया सरकार की योजना पर पानी फेर सकता है। 25 फरवरी तक जिला के चार लाख 19 हजार 335 किसानों का डाटा प्रशासन को किसानों से एकत्र कर पोर्टल पर अपलोड करना है। 11 फरवरी को प्रशासन ने किसानों से डाटा जुटाने व अपलोड करने का कार्य भी शुरु कर दिया था। अब हालात देखिए आठ दिन बीत चुके हैं और प्रशासन अब तक सिर्फ 16 हजार किसानों का डाटा जुटा पाया है। इनमें से भी सिर्फ 11 हजार 633 किसानों का डाटा किसान पोर्टल पर आनलाइन दर्ज हो पाया है। हालांकि तत्कालीन डीसी धर्मवीर ¨सह ने 23 फरवरी तक किसानों का डाटा आनलाइन करने की डेडलाइन निर्धारित की थी।
यही चाल रही तो लगेंगे छह महीने
प्रशासन के पास किसानों के डाटा को पोर्टल पर दर्ज करने के लिए सात दिन शेष बचे हैं और किसानों बचे हैं चार लाख तीन हजार। वर्तमान में प्रशासन रोजाना दो हजार किसानों का रिकार्ड एकत्र कर रहा है और पोर्टल पर दर्ज करने की स्पीड तो इससे भी कम है। अगर डाटा एकत्र करने की चाल यही रही तो प्रशासन को डाटा एकत्र करने में ही छह महीने से ज्यादा का समय लग जाएगा। यानि तब सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की दूसरी राशि भी जारी कर चुकी होगी।
राजस्व के रिकार्ड के आधार पर किया जा रहा डाटा एकत्र
- प्रशासन का योजना के लाभार्थियों का फिल्टर डाटा राजस्व विभाग की ओर से मिला है। यह डाटा एक फरवरी 2018 के राजस्व विभाग के रिकार्ड पर आधारित है। हालांकि उसके बाद से किसान खेतीबाड़ी की जमीन का डिविजन करने में जुटे हैं, लेकिन इस बार इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा और आगामी गाइड लाइंस क्या होंगी इसके बारे में अभी अधिकारियों को भी जानकारी नहीं है।
ये ले सकते हैं योजना का लाभ
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के दायरे में ऐसे छोटे एवं सीमांत किसान परिवार आते हैं जिनमें पति-पत्नी और 18 वर्ष तक की उम्र के बच्चे दो हेक्टेयर यानी पांच एकड़ से कम जमीन पर खेती करते हों। ग्रुप डी को छोड़कर सरकारी कर्मचारी, अधिकारी योजना का लाभ नहीं ले सकते। ऐसे कोई भी व्यक्ति जिसकी पेंशन 10 हजार है, वह भी योजना के दायरे में नहीं आता है। जो टैक्स पेयर है वह भी इसके दायरे में नहीं आता है। पूर्व सांसद व विधायक भी योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं। बॉक्स
शिविर में किसानों को ये आ रही दिक्कतें
- विभिन्न गांव में लगाए जा रहे शिविरों में किसानों को कई तरह की परेशानी आ रही है। किसानों की लिस्ट कर्मचारियों के पास पहले से होती है और वे फॉर्म भी लिस्ट के आधार पर ही देते हैं। फार्म अंग्रेजी में है जिसको भरने में कम पढ़े लिखे या अनपढ़ किसानों को परेशानी आती है। कर्मचारी फार्म देने के अलावा योजना के बारे में किसानों को कोई जानकारी नहीं देते हैं। गांव खुराना में लगे शिविर में बुजुर्ग किसान मियां ¨सह फार्म भरवाने के लिए इसी तरह युवाओं से बार बार प्रार्थना कर रहा था, लेकिन कोई नहीं सुन रहा था। गांव निवासी संदीप ने बताया कि वे दो भाई हैं और जमीन भी उन्हीं के नाम है, लेकिन फार्म पिता के नाम पर दिया गया है। ऐसे में तो वे लाभ से वंचित ही रह जाएंगे। -यह एक निरंतर चलने वाली प्रोसेस है। 25 के बाद भी यह कार्य निरंतर जारी रहेगा। जैसे जैसे डाटा किसानों को एकत्र हो जाएगा पैसे खाते में डालने का कार्य चलता रहेगा।
- डॉ. पवन शर्मा, उप निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, कैथल।