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जिला अस्पताल में लंबी कतार में लगने को मजबूर मरीज

अस्पताल में ओपीडी के बाहर मरीजों की लंबी कतार लगी हुई है। जांच व इलाज के लिए मरीज पहले रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए लाइन में लगे इसके बाद ओपीडी में पहुंचे। मरीज बाहर धक्का-मुक्की करते हुए अंदर प्रवेश कर रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 09:00 AM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 09:00 AM (IST)
जिला अस्पताल में लंबी कतार में लगने को मजबूर मरीज
जिला अस्पताल में लंबी कतार में लगने को मजबूर मरीज

जागरण संवाददाता, कैथल : दिन सोमवार, स्थान जिला नागरिक अस्पताल, समय 11 बजे से 12 बजे तक। अस्पताल में ओपीडी के बाहर मरीजों की लंबी कतार लगी हुई है। जांच व इलाज के लिए मरीज पहले रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए लाइन में लगे, इसके बाद संबंधित चिकित्सक के पास ओपीडी में पहुंचे। जहां चार से पांच अलग-अलग लाइन लगी हुई थी। मरीज बाहर धक्का-मुक्की करते हुए अंदर प्रवेश कर रहे थे। कई लोग अपनी जान-पहचान के लोगों को फोन करते हुए सिफारिश भी लगवाते दिखे। सबसे ज्यादा मरीजों की लाइन गर्भवती महिलाओं, नेत्र रोग विशेषज्ञ के बाहर थी।

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इस तरह की स्थिति अस्पताल में रोजाना देखने को मिल रही है। मरीजों का कहना है कि चिकित्सकों के रिक्त पदों के कारण इलाज देरी से मिल रहा है। अगर चिकित्सक बीमारियों की जांच के लिए लिख देते हैं तो समझ लो दो से तीन दिन में पूरा इलाज हो पाता है। अस्पताल में स्वीकृत पद तो 56 हैं, लेकिन मात्र 14 पदों पर ही चिकित्सक कार्यरत हैं, इस कारण चिकित्सकों पर काम का बोझ ज्यादा बढ़ रहा है। रोजाना 2000 से 2200 मरीजों तक की ओपीडी है। अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ तो मात्र एक ही है, जबकि पद चार हैं।

रिक्त पदों को भरा जाए

हरसौला निवासी कुलदीप ने बताया कि सुबह साढ़े आठ बजे अस्पताल में आया था, आधा घंटा लाइन में खड़े होने के बाद रजिस्ट्रेशन हुआ। दो घंटे में जाकर इलाज मिल पाया। रिक्त पदों को भरा जाए तो मरीजों की दिक्कत कम हो जाएगी। इस तरफ ध्यान देना चाहिए।

डेढ़ घंटे बाद आई बारी

कृष्णा कालोनी निवासी श्रवण ने बताया कि सुबह नौ बजे अस्पताल आया था। डेढ़ घंटे तक लाइन में लगा रहा। मुश्किल से नंबर आया। इस कारण काफी दिक्कत आ रही है। इस तरफ सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।

रिक्त पदों को लेकर उच्चाधिकारियों को कराया अवगत

सिविल सर्जन डॉ. सुरेंद्र नैन ने कहा कि चिकित्सकों व स्टाफ के रिक्त पदों को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही रिक्त पदों पर नियुक्त होगी। अब जितने भी चिकित्सक कार्यरत हैं, उनसे ही काम लिया जा रहा है। प्रयास रहता है कि इलाज के लिए पहुंचे सभी मरीजों को बेहतर सुविधा मिले।


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