कृषि की नकली दवा सप्लाई करने पर विभाग ने तीन आरोपित किए काबू
कैथल में एक मल्टीनेशल पेस्टीसाइड सिजेंटा कंपनी के नाम से नकली दवा की सप्लाई हो रही थी। इसकी गुप्त सूचना मिलते ही कृषि विभाग के एसडीओ डा. सतीश नारा ने अनाज मंडी के पास कार्रवाई करते हुए तीन आरोपितों से नकली दवा बरामद की है।
जागरण संवाददाता, कैथल: कैथल में एक मल्टीनेशल पेस्टीसाइड सिजेंटा कंपनी के नाम से नकली दवा की सप्लाई हो रही थी। इसकी गुप्त सूचना मिलते ही कृषि विभाग के एसडीओ डा. सतीश नारा ने अनाज मंडी के पास कार्रवाई करते हुए तीन आरोपितों से नकली दवा बरामद की है। एसडीओ ने बताया कि किसानों को खाद-बीज अच्छी किस्म का मिले, इसके लिए टीम दिन रात मेहनत कर रही है। उनकी टीम समय-समय पर पेस्टिसाइड की दुकानों पर जाकर खाद बीज की चेकिग करती है। शुक्रवार शाम को भी टीम चेकिग के लिए निकली थी, कि अचानक सूचना मिली अनाज मंडी की तरफ पिकअप गाड़ी आ रही है। उसमें नकली कीटनाशक की दवा है। पंचायत भवन के सामने उस गाड़ी को रुकवाकर तलाशी ली गई, तो गाड़ी में सिजेंटा कंपनी की वर्टाको नाम की दवाई मिली। जिसका प्रयोग धान की फसल में किया जाता है। उसी समय संबंधित कंपनी के अधिकारी को बुलाकर दवाई दिखाई गई तो नकली बताई गई। पिकअप में 20 किलो के हिसाब से 52 पेटी मिली। जिसमें 1040 किलो दवाई थी। काबू किए गए तीन आरोपितों की पहचान कुरुक्षेत्र की अमीन कॉलोनी निवासी बलजीत, ललित व जींद जिला के गांव सुरबरा निवासी विनोद के के तौर पर हुई।
बाक्स- दवाई खरीदते समय दुकानदार से बिल जरूर लें
विभाग की तरफ से जो दवाई पकड़ी उस नाम की असली दवाई का प्रयोग फसल की गोभ वाला कीड़ा, जड़ में कीड़ा, दीमक आदि लगने पर किया जाता है। जिसका रेट 300 रुपए किलो है। आरोपी नकली दवाई दुकानों पर कम दामों पर सप्लाई करते। नकली दवाई का प्रयोग करने पर फायदा की बजाय फसल को नुकसान भी पहुंच सकता था। एसडीओ ने कहा कि किसान कोई भी दवाई खरीदते समय दुकानदार से बिल जरूर लें।
वर्जन- आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज
अनाज मंडी चौकी इंचार्ज एसआई शमशेर सिंह ने बताया कि आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट से रिमांड लिया गया है। आरोपितों से पता लगाया जाएगा कि वो नकली दवाई कहां से लेकर आते थे और कहां कहां पहुंचाई जाती थी।
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