फर्श पर फिसल कर एसडीएम गिरीं, अस्पताल में डेढ़ घंटे तक दर्द से कराहती रहीं, नहीं मिला उपच
लघु सचिवालय में अपने कार्यालय में एसडीएम कमलप्रीत कौर शनिवार को फिसलकर गिर पड़ीं। चोट लगने के चलते उन्हें सिविल अस्पताल ले जाया गया।
जागरण संवाददाता, कैथल : लघु सचिवालय में अपने कार्यालय में एसडीएम कमलप्रीत कौर शनिवार को फिसलकर गिर पड़ीं। चोट लगने के चलते उन्हें सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां उनका सामना आम आदमी की तरह सरकारी चिकित्सकों की लापरवाही से हुआ। डेढ़ घंटे तक इमरजेंसी में लेटी रहीं, लेकिन उन्हें प्राथमिक चिकित्सा तक नहीं दी गई। पीएमओ को फोन किया तो चिकित्सक अस्पताल पहुंचे। डेढ़ घंटे बाद एक्स-रे हो पाए। इमरजेंसी में अव्यवस्था देख एसडीएम बोलीं, जब मेरे इलाज में इस प्रकार की लापरवाही बरती जा रही है, तो आम आदमी का यहां इलाज कैसे हो पाता होगा। यह बहुत ही शर्मनाक और गंभीर विषय है। मुझे खेद है। एसडीएम ने स्टाफ और चिकित्सक के खिलाफ उचित कार्रवाई के लिए डीसी को पत्र लिखा है।
बता दें कि शुक्रवार को जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सिविल सर्जन डॉ. अशोक चौधरी के तबादले के बाद सरकारी अस्पताल की शिकायतों की जांच का जिम्मा भी एसडीएम कमलप्रीत कौर को ही सौंपा था। इस जिम्मेदारी के अगले ही दिन उन्हें खुद अस्पताल की अव्यवस्था का शिकार होना पड़ा। व्यवस्था देख अधिकारी भी हैरान
एसडीएम के इलाज में बरती गई लापरवाही को देख अधिकारी भी हैरान रह गए। तहसीलदार र¨वद्र मलिक, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी विक्रम ¨सह, नायब तहसीलदार, एसडीएम कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे। नायब तहसीलदार स्वयं कभी स्टाफ तो कभी चिकित्सक को एसडीएम के इलाज और जांच के लिए बुलाते नजर आए। 10 से 15 मिनट तो एसडीएम व्हीलचेयर पर बैठी रहीं, लेकिन प्राथमिक उपचार तक नहीं मिला। इसके बाद स्टाफ के बजाय महिला थाना की पुलिस कर्मचारी कमरे में लेकर गई। जहां बेड पर लिटाया गया, लेकिन यहां भी जब कोई नहीं आया तो तहसीलदार ने अस्पताल के ¨प्रसिपल मेडिकल ऑफिसर (पीएमओ) को फोन किया तो चिकित्सक और स्टाफ हरकत में आया। डॉ. बीबी कक्कड़, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. अमन सुध, डॉ. आरडी चावला और रेनू चावला अस्पताल पहुंची। जांच करने के बाद एक्स-रे कराए गए। इसके बाद एंबुलेंस से घर लाया गया।
लोग ऐसे ही नहीं करते शिकायत
सिविल अस्पताल में जब इलाज के लिए एसडीएम कमलप्रीत पहुंचीं तो वहां कई लोग भी अपनी बीमारियों के इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे हुए थे। इलाज के लिए एसडीएम को इंतजार करता देख लोग बोले-लोग ऐसे ही स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को शिकायत नहीं करते। यहां इलाज के लिए आने वाले लोगों को खासी दिक्कत आती है। बीमारियों का बोझ लिए लोग कभी ओपीडी तो कभी लैब में टेस्ट व दवाइयों के लिए भटकने को मजबूर है। चिकित्सक ठीक मुंह से मरीजों से बात नहीं करते। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी घायलों को टांके लगाते हैं। कमर व टांग पर आई चोट
सिविल अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. अमन सूद ने बताया कि पांव फिसलने से जमीन पर गिरने के कारण कमर और टांग पर चोट लगी है। मांस फट गया है। जांच व इलाज के बाद दवाइयां दी गई हैं। कुछ दिनों तक बेड रेस्ट करने के बाद स्वास्थ्य में सुधार होगा।
चोट लगने के बाद वे इलाज के लिए सिविल अस्पताल गई थीं, लेकिन वहां भारी लापरवाही देखने को मिली। शर्मनाक और बड़े दुख की बात है कि जब एक प्रशासनिक अधिकारी को इलाज लेने में ऐसी दिक्कत आती हैं, तो आम आदमी का इलाज कैसे हो पाता होगा। अस्पताल के हालात को देख स्टाफ और चिकित्सकों के खिलाफ उचित कार्रवाई को लेकर डीसी को पत्र लिखा है।
- कमलप्रीत कौर, एसडीएम। एसडीएम कमलप्रीत कौर को चोट लगने की जानकारी मिली है। उनकी चार दिन की छुट्टी आई है। अस्पताल की खामियों पर कड़ा संज्ञान लिया जाएगा। व्यवस्था में सुधार ही हमारी जिम्मेदारी है।
- सुनीता वर्मा, डीसी।
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