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ग्रामीणों ने की मांग, स्कूल में जल्द नियुक्त हों अध्यापक

सांघन गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में अध्यापकों की कमी को लेकर ग्रामीणों ने विभाग से स्कूल में जल्द ही अध्यापक नियुक्त करने की मांग की है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 09:02 AM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 09:02 AM (IST)
ग्रामीणों ने की मांग, स्कूल में  जल्द नियुक्त हों अध्यापक
ग्रामीणों ने की मांग, स्कूल में जल्द नियुक्त हों अध्यापक

जागरण संवाददाता, कैथल :

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सांघन गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में अध्यापकों की कमी को लेकर ग्रामीणों ने विभाग से स्कूल में जल्द ही अध्यापक नियुक्त करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल में गुटबाजी के चलते अध्यापकों पर कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों ने बताया कि जिला मुख्यालय से गांव की दूरी 20 किलोमीटर है, जबकि दूसरे छोर पर पंजाब राज्य शुरू हो जाता है। इस कारण ग्रामीण अपने बच्चों को यहां पढ़ने के लिए भेजने से गुरेज करते है।

ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि गांव के जिला मुख्यालय से 20 से अधिक किलोमीटर दूर स्थित होने के कारण यहां पर समस्या है। यदि कोई अध्यापक स्कूल में ड्यूटी ज्वाइन करता है तो वह कुछ ही दिन बाद या तो यहां से डेप्यूटेशन ले जाता है, या फिर अपना तबादला करवा लेता है। शिक्षा विभाग की इस स्कूल के प्रति बेरूखी के चलते यहां पर बच्चे शिक्षा ग्रहण करने से वंचित है।

57 वर्ष पुराना स्कूल होने के बावजूद हालात बदतर :

ग्रामीण महेंद्र सिंह ने कहा कि इस स्कूल की स्थापना वर्ष 1962 में हुई थी। उस समय स्कूल में आस पास के छह से अधिक गांव से विद्यार्थी पढ़ने के लिए आते थे, लेकिन वर्तमान में यहां पर अध्यापकों की कमी से गांव के लोग अपने बच्चों को स्कूल में नहीं भेज रहे हैं। जिला मुख्यालय का स्कूल की गांव से 24 किलोमीटर से अधिक दूरी है। जबकि दूसरी ओर पंजाब राज्य शुरू हो जाता है, ऐसे में विद्यार्थी भी पढ़ाई को लेकर असमंजस में है, विभाग को इस समस्या को अपने संज्ञान में लाकर यहां अध्यापक नियुक्त करने चाहिए।

वर्ष 2013 के बाद स्थिति अधिक दयनीय :

ग्रामीण बलवान सिंह ने कहा कि गांव राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में अध्यापकों की कमी को लेकर वर्ष 2013 के बाद स्थिति अधिक दयनीय हो चुकी है। वर्ष 2000 में स्कूल में जहां 1200 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते थे और अध्यापकों की संख्या भी पूरी थी, लेकिन वर्ष 2013 तक इस स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या 700 के करीब थी, लेकिन अब संख्या करीब 300 है। विद्यार्थियों की संख्या अध्यापकों की कमी में घटी है, लेकिन इस समस्या पर न तो जिला प्रशासन ने कोई ध्यान दिया और न ही शिक्षा विभाग ने।

समस्या का नहीं समाधान :

ग्रामीण सुंदर सिंह ने बताया कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में अध्यापकों की कमी की समस्या पिछले छह साल से है, लेकिन इसका कोई समाधान नहीं हो पाया है। अध्यापकों की कमी के कारण बच्चे अपनी प्रारंभिक शिक्षा तक नहीं ले पा रहे है, जिस कारण उनका भविष्य तक खतरे में है। शिक्षा विभाग को इस समस्या को गंभीरता से समझते हुए स्कूल में जल्द ही अध्यापक नियुक्त किए जाएं।


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