डिवाइडरों पर लगी खराब लाइटों की रिपेयर के लिए दस लाख रुपये मंजूर
नगर परिषद की तरफ से शहर के डिवाइडरों पर लगी लाइटों की रिपेयर को लेकर जिला पालिका आयुक्त से अनुमति मांगी थी। इसके लिए दस लाख रुपये का बजट तय किया गया था। पालिका आयुक्त ने निदेशालय से अनुमति लेकर इस कार्य को करने की अनुमति नप को दे दी है।
जागरण संवाददाता, कैथल : नगर परिषद की तरफ से शहर के डिवाइडरों पर लगी लाइटों की रिपेयर को लेकर जिला पालिका आयुक्त से अनुमति मांगी थी। इसके लिए दस लाख रुपये का बजट तय किया गया था। पालिका आयुक्त ने निदेशालय से अनुमति लेकर इस कार्य को करने की अनुमति नप को दे दी है। अब दस लाख रुपये से डिवाइडरों पर लगी खराब लाइटों की रिपेयर होगी।
इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। करीब पांच सालों से शहर में नई लाइटें नहीं लगाई गई हैं। शहरी स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से नई एलईडी लाइटें लगाने के लिए राजस्थान की एजेंसी को ठेका दिया हुआ है। करीब छह महीने से एजेंसी का इंतजार किया जा रहा है। एजेंसी के आने तक लाइटों की रिपेयर के लिए ही दस लाख रुपये का बजट तैयार किया गया था, जिस अब मंजूरी मिल गई है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद रिपेयर का काम शुरू कर दिया जाएगा। शहर के सभी डिवाइडरों पर करीब 2200 लाइटें लगी हुई हैं, जिनमें से करीब 1100 लाइटें खराब हैं। मुख्य सड़कों पर अंधेरा होने के कारण लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही हैं।
मुख्य डिवाइडरों पर बंद पड़ी लाइटें
- ढांड रोड पर 260 लाइटें लगी हुई हैं, जिनमें से करीब 75 खराब पड़ी हैं।
- अंबाला रोड पर 400 लाइटें लगी हुई हैं, जिनमें से करीब 160 लाइटें खराब पड़ी हैं।
- चीका रोड विश्वकर्मा चौक से परशुराम चौक तक 200 लाइटें लगी हैं, सभी लाइटें बंद हैं।
- जींद रोड पर 250 लाइटें लगी हुई हैं, जिनमें से 155 लाइटें खराब हैं।
- परशुराम चौक से चीका रोड ड्रेन तक 90 लाइटें लगी हैं, जिनमें से 40 बंद हैं।
- करनाल रोड पर 200 लाइटें लगी हुई हैं, जिनमें से 50 लाइटें खराब पड़ी हैं।
- पाडला रोड पर 20 लाइटें लगी हैं, सभी लाइटें बंद पड़ी हैं।
- मानस रोड पर 40 लाइटें लगी हैं, सभी बंद हैं।
- शहर में 50 स्थानों पर हाइमास्ट लाइटें लगी हैं, सभी में दो से तीन लाइटें खराब पड़ी हैं।
जल्द ही रिपेयर का काम शुरू करा दिया जाएगा
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी बलबीर सिंह ने बताया कि डिवाइडरों पर लगी खराब लाइटों की रिपेयर को लेकर दस लाख रुपये की अनुमति मिल गई है। जल्द ही टेंडर प्रक्रिया पूरी करके रिपेयर का काम शुरू करवा दिया जाएगा।
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