ग्रामीण रूटों पर प्राइवेट बस चलाने के लिए आरटीए विभाग ने बस संचालकों से मांगे सुझाव
खाली पड़े ग्रामीण रूटों पर प्राइवेट बस चलाने के लिए आरटीए विभाग ने बस संचालकों से सुझाव मांगें है। 35 के करीब सुझाव अब तक आ चुके हैं। बता दें कि खाली रूटों पर सुझाव के बाद प्राइवेट बसों का संचालन किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, कैथल : खाली पड़े ग्रामीण रूटों पर प्राइवेट बस चलाने के लिए आरटीए विभाग ने बस संचालकों से सुझाव मांगें है। 35 के करीब सुझाव अब तक आ चुके हैं। बता दें कि खाली रूटों पर सुझाव के बाद प्राइवेट बसों का संचालन किया जाएगा। ताकि ग्रामीण यात्रियों को शहर व गांव में आने जाने में परेशानी न हो। रोडवेज में बसों की कमी से ग्रामीण रूटों पर नाममात्र बसें है। लोग निजी वाहनों के सहारे ही सफर करते हैं। स्कूल व कालेज में पढ़ने वाले यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। बसों के अभाव में समय से कालेजों में नहीं पहुंच पा रहे हैं। इन रूटो पर बस चलाने के संचालकों ने दिए सुझाव
कैथल आरटीए से किठाना से सजूमा, कैथल से कुराड़, कैथल से खरका, कैथल से सरेधा, कैथल से कोटड़ा, कैथल पाई, पूंडरी से असंध वाया भागल, पूंडरी से वाया डीग चौचड़ा, कैथल से बरोट बंदराना व ढांड, राजौंद से उचाना, करोड़ा से कलायत, कसान से कलायत रूटों पर बस चलाने की मांग की है। अब रोडवेज विभाग के अधिकारियों के लिए जाएंगे सुझाव
जिन रूटों पर प्राइवेट बस चलाने के सुझाव मांगें गए है। उन रूटों पर आरटीए विभाग व रोडवेज विभाग आपस में सहमति करेगा। कई रोडवेज विभाग को बस चलाने की आपत्ति होगी, तो उसे दर्ज किया जाएगा। वहां पर बसें नहीं चलाई जाएगी। रोडवेज जीएम अजय गर्ग, टीएम कमलजीत, एसएस रोहताश मौजूद रहेंगे। वर्जन
गांव के यात्रियों को सुविधा देने के लिए इन रूटों पर सुझाव मांगें गए है। जहां पर रोडवेज की बस नहीं जा पा रही है। वहां पर प्राइवेट बसों को शुरू करने को लेकर विचार किया गया है। सुझाव के बाद उच्चाधिकारियों को लिखा जाएगा। वहां से रूट बनकर आएंगे। स्टैज कैरिज स्कीम के तहत बस चलाने पर विचार विमर्श किया जा रहा है।
- सत्यवान मान, आरटीए कैथल।