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राइस मिलर्स का ऐलान, धान खरीद से पहले समस्या का करें समाधान

हरियाणा प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन की प्रदेश स्तरीय बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता चेयरमैन अमरजीत छाबड़ा ने की। बैठक में मिलर्स की मांगों को लेकर विचार-विमर्श किया गया। छाबड़ा ने बताया कि हाल ही में कुरुक्षेत्र में प्रदेश की दोनों राइस मिल एसोसिएशन की संयुक्त मीटिग करके एक मंच तैयार किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 06:37 AM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 06:37 AM (IST)
राइस मिलर्स का ऐलान, धान खरीद  से पहले समस्या का करें समाधान
राइस मिलर्स का ऐलान, धान खरीद से पहले समस्या का करें समाधान

जागरण संवाददाता, कैथल: हरियाणा प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन की प्रदेश स्तरीय बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता चेयरमैन अमरजीत छाबड़ा ने की। बैठक में मिलर्स की मांगों को लेकर विचार-विमर्श किया गया। छाबड़ा ने बताया कि हाल ही में कुरुक्षेत्र में प्रदेश की दोनों राइस मिल एसोसिएशन की संयुक्त मीटिग करके एक मंच तैयार किया गया है।

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सभी मिलर्स ने कस्टम मिलिग राइस (सीएमआर) पॉलिसी के लिए कई मुख्य मुद्दों पर सहमति बनाई। फैसला लिया गया कि जब तक इन मुद्दों को सरकार नहीं मानती, तब तक कोई भी मिलर न तो रजिस्ट्रेशन कराएगा और न ही सीएमआर का काम करेगा।

उनकी मांगों में वर्ष 2019-20 के सीएमआर के रुके बिलों का भुगतान करने, कोरोना के चलते कई कारणों से रुके चावल पर लगाया होल्डिंग चार्ज वापस करने, एफडी की शर्त कम करके पहले टन पर सात लाख रुपये और उसके बाद तीन लाख प्रति टन करने, धान के बदले कोई प्रॉपर्टी गिरवी नहीं रखने जैसे मुद्दे शामिल हैं।

बैठक में मिलर्स राजेंद्र सिंह, रमेश चंद्र, सचिन मित्तल, प्रवीण बंसल, अमरजीत चीका, सतीश कंसल, सुशील गुप्ता, महिद्र गर्ग, ओम प्रकाश जैन, अंकित मिगलानी, रमेश सिधवानी, जय भगवान, महावीर सिगला, तरसेम गर्ग, नरेश होडल, प्रवीण बटार खिजराबाद, अशोक काला नारायणगढ़ ने कहा कि पीवीआर के नाम पर 10 से 20 गाड़ियों उनके मिलों में आती हैं और प्रताड़ित किया जाता है। सरकार उन्हें चोर कहती है, जबकि वे सम्मानजनक तरीके से कारोबार करते हुए लोगों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार मंडियों से खुद 17 प्रतिशत की नमी वाला धान खरीदकर उन तक पहुंचाए। सचिन मित्तल ने कहा कि दो साल से उनके कैरेट तक का किराया सरकार ने नहीं दिया है। उनकी मांग है कि 18 रुपये प्रति कैरेट प्रति माह का किराया किया जाए। नमी कट के नाम पर उनके पैसे न काटे जाएं। वे इसकी एवज में चावल देने को तैयार हैं।

फिजिकल वेरिफिकेशन में ही धान की नमी चेक हो और सूखा तीन प्रतिशत तक वैध की जाए। उनके मिलिग के रेट आज भी 10 रुपये ही हैं, इसे बढ़ाकर प्रति क्विंटल 100 रुपये किए जाएं।

मिलर्स ने कहा कि जो मंडियां बॉर्डर पर हैं, उनके साथ लगते दूसरे राज्यों के किसानों का रजिस्ट्रेशन हरियाणा के किसानों के साथ ही शुरू होना चाहिए। कोरोना के मद्देनजर इस बार सीएमआर का समय 30 सितंबर 2021 निर्धारित हो।


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