यूथ विश्व बॉ¨क्सग चैंपियनशिप में नेहा ने जीता कांस्य पदक
कालू आली गामड़ी गांव निवासी खिलाड़ी नेहा यादव बॉ¨क्सग में नए आयाम छू रही है। आज से चार साल पहले नेहा अपना वजन कम करने के लिए मैदान में आई थी। उस दौरान नेहा का वजन करीब 115 किलो था।
सुनील जांगड़ा, कैथल
कालू आली गामड़ी गांव निवासी खिलाड़ी नेहा यादव बॉ¨क्सग में नए आयाम छू रही है। आज से चार साल पहले नेहा अपना वजन कम करने के लिए मैदान में आई थी। उस दौरान नेहा का वजन करीब 115 किलो था। भारी शरीर को पतला करने के लिए सुबह-शाम मैदान में अभ्यास करने लगी। अभ्यास के दौरान लड़कियों को बॉ¨क्सग खेलते हुए देखा। उन्हें देख कर बॉ¨क्सग खेलना शुरू कर दिया। चार साल के दौरान नेहा ने कई नेशनल व इंटरनेशनल पदक हासिल कर चुकी है। नेहा के पिता राजा राम खेती अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। मां रेखा घर की देखरेख करती है। 18 साल की नेहा पिछले दो साल में सात इंटरनेशनल पदक हासिल कर चुकी है। दस के करीब नेशनल पदक जीत चुकी है। नेहा का वजन 115 से 86 किलो रह गया है। मैदान में रोजाना सुबह-शाम तीन घंटे अभ्यास करती है। कोच जो भी नई तकनीक सिखाते हैं उसे जल्द ही सीख लेती है। बॉक्स
हंगरी में जीता कांस्य पदक
हंगरी के बुडापेस्ट में हुई यूथ विश्व बॉ¨क्सग चैंपियनशिप में नेहा यादव ने कांस्य पदक हासिल किया है। प्रतियोगिता 21 से 31 अगस्त तक हुई थी। नेहा ने 81 किलो प्लस भारवर्ग में यह उपलब्धि हासिल की। यह जानकारी नेहा के कोच राजेंद्र ¨सह व गुरमीत ¨सह ने दी। नेहा आरकेएसडी कॉलेज के बॉ¨क्सग सेंटर में चार सालों से अभ्यास कर रही है। पहले भी राज्य व इंटरनेशनल स्तर पर कई पदक जीत चुकी है। नेहा ने बताया कि विश्व चैंपियनशिप के मुकाबले बेहद कड़े थे। मेहनत से ही उसने कांस्य पदक हासिल किया है। अपने कोच के कारण ही उन्हें यह सफलता प्राप्त हुई है। इस बार गोल्ड मेडल हासिल नहीं कर पाई, लेकिन अगली पर उनका पंच गोल्ड पर ही होगा। कोच राजेंद्र व गुरमीत ने बताया कि नेहा ने कांस्य पदक हासिल कर जिले का ही देश का नाम रोशन किया है। खेल के प्रति नेहा का जज्बा काबिले तारीफ है। नेहा की इस जीत पर डीसी, एसडीएम, खेल अधिकारी व कोच विक्रम ने बधाई दी है।