Move to Jagran APP

डीटीओ कार्यालय का स्टाफ बदलने से कामकाज प्रभावित

आरटीए यानि रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी को खत्म कर इसे डीटीओ जिला ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी कार्यालय बनाकर पुराने कार्यालय के पूरे स्टाफ को बदल दिया गया है। इससे कार्यालय का कामकाज प्रभावित हो रहा है। प्राइवेट बस संचालक व अन्य वाहन चालक कार्य करवाने के लिए विभाग के चक्कर काट रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 06:13 AM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 06:13 AM (IST)
डीटीओ कार्यालय का स्टाफ बदलने से कामकाज प्रभावित
डीटीओ कार्यालय का स्टाफ बदलने से कामकाज प्रभावित

जागरण संवाददाता, कैथल:

loksabha election banner

आरटीए यानि रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी को खत्म कर इसे डीटीओ जिला ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी कार्यालय बनाकर पुराने कार्यालय के पूरे स्टाफ को बदल दिया गया है। इससे कार्यालय का कामकाज प्रभावित हो रहा है। प्राइवेट बस संचालक व अन्य वाहन चालक कार्य करवाने के लिए विभाग के चक्कर काट रहे हैं। बता दें कि डीटीओ कार्यालय के पुराने स्टाफ को रोडवेज व अन्य जिलों में भेज दिया गया है। वहीं रोडवेज के तीन क्लर्कों की ड्यूटी डीटीओ कार्यालय लगाई गई है। उनको अभी तक कार्यालय के कागजों की जानकारी तक नहीं है। उनका कहना है कि जब तक काम करने के आदेश नहीं आते, तब तक काम नहीं हो सकता है। पहले पुरानी फाइलों की जांच करनी होगी। उसके बाद किसी काम को पूरा कर सकते है।

डीटीओ का पद पड़ा है खाली-

आरटीए विभाग की जिम्मेदारी एडीसी के पास होती थी।जब से आरटीए विभाग को डीटीओ बनाया है तभी से एडीसी से सभी शक्तियां वापस ले ली गई है। डीटीओ लगाएं गए है। अभी तक जिले में डीटीओ को नहीं लगाया गया है। इससे कामकाज रुका हुआ है।

भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के

लिए बदला विभाग का नाम-

आरटीए कार्यालयों पर भ्रष्टाचार की शिकायतें सरकार तक पहुंच रही थी। इस कार्यालय में बिना पैसे काम नहीं हो रहे है। उसके बाद अपने स्तर पर कर्मचारियों में फेरबदल किया गया है। सीएम फ्लाइंग की तरफ से रेड की गई थी। तब भी कार्यालय में कर्मचारी गैर हाजिर मिले थे।

लोगों को हो रही है परेशानी

हालांकि पूरा स्टाफ बदलने के बाद काम करवाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। डीटीओ कार्यालय का कामकाज प्रभावित हो गया है। शुक्रवार को डीटीओ कार्यालय में आए लोगों को कार्यालय में कामकाज नहीं होने से बिना कार्य करवाए ही वापस लौटना पड़ा। कार्यालय में चालान भुगतने से लेकर वाहन पासिग कराने तक लोग रूटीन की तरह पहुंच रहे हैं। इन दिनों यहां लोग भटक रहे हैं। लोगों का कहना है कि जल्दी से जल्दी आरटीए विभाग लगवाया जाए।

खिड़कियां बंद कुर्सियां खाली-

डीटीओ कार्यालय में कर्मचारी न होने से तीन दिन से ड्राइविग लाइसेंस, परिचालक लाइसेंस व टेक्स नहीं भरा जा रहा है। कार्यालय की कुर्सियां खाली पड़ी हुई है। कार्यालय की खिड़कियां बंद पड़ी है। खिड़कियां बंद होने के कारण लोग इधर- उधर भटक रहे हैं। कार्यालय की कागजी कार्रवाई रुकी हुई है।

ड्राइविग लाइसेंस नहीं बन पा रहा

ड्राइविग लाइसेंस बनवाने आए अमित कुमार ने बताया कि वह दो दिन से कार्यालय के चक्कर काट रहा है। विभाग में कर्मचारी न होने से काम नहीं बन रहा है। कार्यालय की खिड़कियां बंद पड़ी है। कंप्यूटर पर कर्मचारी उपलब्ध नहीं है।

फाइल नहीं हो रही रिन्यू-

जाखौली निवासी दलबीर ने बताया कि वह ड्राइविग लाइसेंस रिन्यू करवाने के लिए दो दिन से चक्कर काट रहे हैं। कोई कर्मचारी नहीं मिल रहा है। इससे परेशानी हो रही है। जल्दी कर्मचारियों व अधिकारियों की नियुक्ति की जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.