निरोगी काया संसार का सबसे बड़ा सुख : बहन सुदर्शन
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की बीके सुदर्शन ने बताया कि निरोगी काया संसार का सबसे बड़ा सुख है। यदि हमारा शरीर स्वस्थ नहीं हो, तो दुनिया के तमाम वैभव, सुख-सुविधाएं और साधन व्यर्थ हैं। सुदर्शन बहन जिला जेल में तंबाकू निषेध दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थीं।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की बीके सुदर्शन ने बताया कि निरोगी काया संसार का सबसे बड़ा सुख है। यदि हमारा शरीर स्वस्थ नहीं हो, तो दुनिया के तमाम वैभव, सुख-सुविधाएं और साधन व्यर्थ हैं। सुदर्शन बहन जिला जेल में तंबाकू निषेध दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थीं।
उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन बहुत मूल्यवान है। यदि इस जीवन में किसी भी प्रकार की नशे बीड़ी, सिगरेट, गुटका, शराब, अफीम आदि की आदत पड़ जाए, तो जीवन कौड़ी जैसा बन जाता है। आज पूरे विश्व में नशा एक गंभीर समस्या बन गया है। सर्वे के मुताबिक अकेले राजस्थान में तंबाकू के सेवन से प्रत्येक वर्ष 72 हजार लोगों की मौत हो जाती है। इन सभी समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए आध्यात्मिकता की बहुत जरूरत है। आध्यात्मिकता से ही हमारे विचारों में शुद्धता आती है। बीके शिवाली बहन ने बताया कि भारत वर्ष में प्रतिदिन तीन हजार से 3500 लोगों की मौत असमय तंबाकू सेवन से होती है। मुंह, फेफड़ों, गले का कैंसर और टीबी होने की संभावना और दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु भी हो जाती है। राजयोग से ही नशे से मुक्ति पाई जा सकती है। जिला जेल के एलओ रघुबीर ¨सह ने बताया कि तंबाकू के सेवन से हमारे समाज को बहुत नुकसान हो रहा है। सभी कैदियों ने प्रतिज्ञा भी की कि आज से वे नशे का सेवन नहीं करेंगे। बीके मधु बहन ने नशामुक्ति केंद्र में भी तंबाकू निषेध दिवस पर बताया कि आज की युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में है। वही इस शक्ति को सृजनात्मक कार्य में लगा कर भारत वही सोने की चिड़िया बन सकता है।