बदहाल मकबरे को दिया जाए पर्यटन स्थल का रूप
हिदुस्तान की पहली मुस्लिम शासिका रजिया बेगम सुल्तान का मकबरा बदहाली का शिकार है। प्रशासन और पुरातत्व विभाग की अनदेखी के चलते इसे विकसित नहीं किया जा सका जबकि इस मकबरे को बेहद आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है।
जागरण संवाददाता, कैथल : हिदुस्तान की पहली मुस्लिम शासिका रजिया बेगम सुल्तान का मकबरा बदहाली का शिकार है। प्रशासन और पुरातत्व विभाग की अनदेखी के चलते इसे विकसित नहीं किया जा सका, जबकि इस मकबरे को बेहद आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। यदि यह पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा तो यह देश में ऐतिहासिक नक्शे पर आ सकेगा। इसे पर्यटन स्थल बनाने के लिए शहर की सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोगों ने प्रयास भी किया था, लेकिन यह प्रयास सफल नहीं हो पाया। इसे मकबरे को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की लोगों की वर्षो पुरानी मांग है।
मकबरे की अब ये हालत
मानस गांव की तरफ जाने वाले रास्ते की शुरूआत में बाईं तरफ कुछ दूर खेतों में चलने पर रजिया बेगम का मकबरा बदहाल अवस्था में झाड़ियों में घिरा दिखाई देता है। इसके सामने कुछ दूरी पर एक ओर ढांचा है। इन दोनों ढांचों के बीच मुख्य सड़क की तरफ एक पुराना कुंआ आज भी दिखाई देता है। इस समय इस जर्जर दिखने वाले मकबरे के ढांचे के पीछे की तरफ नीचे मिट्टी से पूरी तरह ढका पड़ा एक द्वार दखाई देता है।
अल्तुनिया की यहां शिकस्त हुई थी
इतिहासकार कमलेश शर्मा ने बताते हैं कि मानस तीर्थ की ओर जाने वाली सड़क पर शुरू में ही बाईं तरफ खेतों में अल्तमश की बेटी रजिया बेगम का मकबरा है। इतिहास में मिले उल्लेखों के अुनसार, रजिया बेगम के पति और उस वक्त बठिडा के गवर्नर अल्तुनिया ने सेना का गठन करके दिल्ली की ओर आक्रमण के लिए कूच की थी और दुर्भाग्य से उसकी शिकस्त हुई थी। कैथल में ही रजिया, सुल्तान और दिल्ली के शासक बेहराम शाह की सेनाओं के बीच युद्ध हुआ था। 13 नवंबर 1240 ई. को रजिया सुल्तान व उनके पति अल्तुनिया को उसकी ही सेना ने बगावत करके इसी स्थान पर रजिया को मौत के घाट उतार दिया था। परंपरा के अनुसार रजिया को इसी स्थान पर दफना दिया गया था।
ऐतिहासिक दृष्टि महत्वपूर्ण है कैथल
राजकीय कॉलेज के पर्यटन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. अनिल ललित ने बताया कि पूरे विश्व में केवल भारत ही एक ऐसा देश जहां पर सबसे अधिक ऐतिहासिक स्थल है, जो पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हुए और कुछ को विकसित किया जा सकता है। ललित ने बताया कि कैथल भी ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण क्षेत्र है, लेकिन यहां पर यह ऐतिहासिक तीर्थ काफी अनदेखी का शिकार रहे है। यदि यह विकसित हुए तो इसमें जहां पर लोग पर्यटक के रूप में मिलेंगे, वहीं सरकार को भी इसका काफी लाभ होगा। सरकार को इसके उद्धार के लिए ध्यान देना चाहिए।