विज्ञान दिवस पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में टीम-डी प्रथम
कैथल स्थानीय एमडीएन ग्लोबल स्कूल में प्रसिद्ध भौतिकी शास्त्री चंद्रशेखर वेंकेटरमन के जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन जीव-विज्ञान की प्राध्यापिका सरिता ने किया। उन्होंने प्रतियोगिता में विद्यार्थियों की चार टीमों का चयन करते हुए प्रश्नोत्तरी के लिए आमंत्रित किया। जागरण संवाददाता कैथल स्थानीय एमडीएन ग्लोबल स्कूल में प्रसिद्ध भौतिकी शास्त्री चंद्रशेखर वेंकेट
जागरण संवाददाता, कैथल : स्थानीय एमडीएन ग्लोबल स्कूल में प्रसिद्ध भौतिकी शास्त्री चंद्रशेखर वेंकेटरमन के जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन जीव-विज्ञान की प्राध्यापिका सरिता ने किया। उन्होंने प्रतियोगिता में विद्यार्थियों की चार टीमों का चयन करते हुए प्रश्नोत्तरी के लिए आमंत्रित किया। इस प्रतियोगिता की पहली टीम-ए में श्रुति कक्षा ग्यारहवीं, करण राज कक्षा बारहवीं व हिमांशु कक्षा नौंवी, टीम-बी में आदित्य शर्मा कक्षा बारहवीं, नेहा कक्षा ग्यारहवीं व तमन्ना कक्षा दसवीं, टीम-सी में अभिषेक कक्षा बारहवीं, क्रिश कक्षा नौंवी व अंशिका कक्षा ग्यारहवीं और टीम-डी में जयराम कक्षा बारहवीं, मिक्षा कक्षा ग्यारहवीं व दिव्या कक्षा दसवीं विद्यार्थियों ने प्रतियोगिता में अपनी प्रस्तुति दर्ज करवाई। पांच राउंड के प्रश्नोत्तरी में टीम-डी ने प्रश्नों का उत्तर देते हुए सभी टीमों को पीछे छोड़कर प्रथम स्थान पर अपना कब्जा जमाया। वहीं टीम-सी द्वितीय स्थान पर रही।
श्रोताओं में सबसे ज्यादा प्रश्नों का उत्तर देते हुए कक्षा छठी के विद्यार्थी वत्सल ने सबको हैरान कर दिया। कक्षा छठी के इस बच्चे ने बारहवीं कक्षा तक के प्रश्नों के उत्तर बड़े ही सरल भाव से दिए। कार्यक्रम के अंत में प्रथम स्थान पर आने वाली टीम को प्रतियोगिता के मास्टर ने बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए 2100 रुपये नकद प्रोत्साहित राशि दी व सभी बच्चों को सर्टिफिकेट व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर विद्यालय के सभी अध्यापक व प्राचार्य डा.विनोद कौशिक मौजूद रहे।
स्कूल डायरेक्टर डा.विनोद कुमार ने वत्सल की वैज्ञानिक सोच को देखते हुए कहा कि यह बच्चा भविष्य में अवश्य ही इस देश के लिए कोई नेक काम करेगा। विद्यार्थियों को भी विज्ञान का महत्व समझाते हुए कहा कि हमारे जीवन का पूर्ण संचालन विज्ञान की पद्धति से चलता है, जिसे जानना वर्तमान में अति आवश्यक है। हमारी सोच और समझ में आज की आधुनिक तकनीक की झलक नजर आ जानी चाहिए।