स्कूल अपग्रेडेशन के लिए अड़ी छात्राएं, मांग नहीं मानी तो नहीं जाएंगी स्कूल
स्कूल अपग्रेडेशन की मांग को लेकर छात्राओं ने कलायत में स्कूल में ताला लगा दिया। ग्रामीणों ने कहा कि वह तब तक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे जब तक उनकी मांग नहीं मान ली जाती।
जेएनएन, कैथल। रेवाड़ी के गोठड़ा टप्पा में लड़कियों के अनशन के बाद सरकार को दबाव में स्कूल दसवीं से बारहवीं तक अपग्रेड करना पड़ा। इसके बाद राज्य में कई स्कूलों को अपग्रेड करने के लिए बच्चे धरने पर हैं। कैथल के कलायत स्थित वजीर नगर गांव में बुधवार को सैकड़ों बेटियों ने पड़ोसी गांव में पढ़ने से इन्कार करते हुए स्कूल के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया।
ग्रामीणों ने स्कूल अपग्रेड न होने तक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से इन्कार कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि कागजों में स्कूल छह साल पहले अपग्रेड हो चुका है, जबकि हकीकत कुछ और है। मौके पर बीईओ महेश चंद व पुलिस बल पहुंच चुका है।
बता दें, राज्य विभिन्न जिलों में स्कूलों के अपग्रेडेशन की मांग को लेकर शुरू हुए आंदोलन सरकार के गले की फांस बन गए हैैं। शिक्षा विभाग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि नाम्र्स (मानदंड) पूरे किए बिना किसी स्कूल का अपग्रेडेशन नहीं होगा। प्रदेश में इस समय जींद, पलवल, गुरुग्राम, पानीपत और रेवाड़ी जिलों में स्कूलों के अपग्रेडेशन की मांग को लेकर धरने और अनशन चल रहे हैैं।
प्रदेश के शिक्षा सचिव पीके दास ने इन आंदोलनों पर सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए कहा था कि हर गांव में स्कूल-कालेज खोलना मुमकिन नहीं है। अभी जो स्कूल चल रहे हैैं, उनमें माध्यमिक स्कूल से वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल तक की दूसरी दो से तीन किलोमीटर है। हर स्कूल को अपग्रेड कर बारहवीं तक नहीं किया जा सकता। अगर ऐसा किया तो गलत प्रचलन शुरू हो जाएगा। नियमों और मानदंडों की भी कोई अहमियत नहीं रह जाएगी। ऐसे में आंदोलन किसी भी समस्या का समाधान नहीं है।
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