प्रॉपर्टी सर्वे का काम पूरा, दस अप्रैल तक आपत्ति दर्ज करा सकेंगे शहरवासी
शहर में याशी कंसलटेंसी की तरफ से प्रॉपर्टी का सर्वे किया गया था। सर्वे के बाद दोबारा से प्रॉपर्टी की वेरिफिकेशन की गई थी। वेरिफिकेशन का काम लगभग पूरा हो चुका है। शहरवासियों को प्रॉपर्टी से संबंधित आपत्ति दर्ज करवाने के लिए दस अप्रैल तक का समय दिया गया है।
जागरण संवाददाता, कैथल : शहर में याशी कंसलटेंसी की तरफ से प्रॉपर्टी का सर्वे किया गया था। सर्वे के बाद दोबारा से प्रॉपर्टी की वेरिफिकेशन की गई थी। वेरिफिकेशन का काम लगभग पूरा हो चुका है। शहरवासियों को प्रॉपर्टी से संबंधित आपत्ति दर्ज करवाने के लिए दस अप्रैल तक का समय दिया गया है। उसके बाद कोई भी आपत्ति दर्ज नहीं करवाई जाएगी।
नगर परिषद की टैक्स शाखा में और ऑनलाइन आपत्ति दर्ज करवाई जा सकती है। यह कार्य पूरा होने के बाद शहर की सभी प्रॉपर्टी का रिकार्ड ऑनलाइन कर दिया जाएगा। सर्वे के अनुसार शहर में 74 हजार प्रॉपर्टी हैं। हालांकि पहले दिन किसी भी व्यक्ति ने ऑनलाइन या ऑफलाइन आपत्ति दर्ज नहीं करवाई है। दो दिन पहले ही लोगों से आपत्ति मांगी गई हैं।
बता दें कि इससे पहले साल 2010-11 में सर्वे हुआ था, जिसके अनुसार शहर में करीब 65 हजार प्रॉपर्टी थी। अब नया सर्व हुआ है, जिसमें 74 हजार प्रॉपर्टी सामने आई हैं। जल्द ही रिकॉर्ड ऑनलाइन हो जाएगा, जिससे शहर के लोग ऑनलाइन अपने फोन से ही प्रॉपर्टी टैक्स भर सकेंगे। नप कार्यालय के बार-बार चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
ड्रोन से किया गया था सर्वे
एजेंसी के कर्मचारियों ने प्रॉपर्टी को लेकर ड्रोन से सर्वे किया था। मालिक से मकान के बारे में जानकारी हासिल की थी और मकान की फोटो भी वेबसाइट पर अपलोड की गई है। जो मकान मालिक मौके पर नहीं मिले हैं। उनकी आधी अधूरी जानकारी ही अपलोड की हुई है। प्रॉपर्टी मालिक का नाम, कालोनी, प्रॉपर्टी की जगह में गलतियां मिलने की संभावना ज्यादा है।
नप का बकाया है करोड़ों का प्रॉपर्टी टैक्स
नगर परिषद की ओर से करीब पांच सालों से बकाया प्रॉपर्टी टैक्स मालिकों को बिल नहीं बांटे जा रहे हैं। हालांकि कुछ विभागों और निजी प्रॉपर्टी मालिकों को नोटिस जरूर दिए जाते हैं। इसके अलावा नप की ओर से साल में हर प्रॉपर्टी मालिक को बिल भेजा जाता था, जो अब नहीं भेजा जा रहा है। यही कारण है कि नप का निजी और सरकारी विभागों पर करीब दस करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। कुछ महीने पहले ही सरकार की ओर से जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए नगर परिषद से टैक्स संबंधी एनओसी लेनी अनिवार्य की गई है। अब लोग स्वयं ही टैक्स जमा करवाने के लिए आ रहे हैं।
डाटा आनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी बलबीर सिंह ने बताया कि शहर की प्रॉपर्टी का डाटा ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्रॉपर्टी को लेकर आपत्ति मांगी जा रही हैं। फिलहाल आपत्ति दर्ज करवाने के लिए दस अप्रैल तक का ही समय दिया गया है। अगर निदेशालय के तरफ से निर्देश मिलेंगे तो इस समय को बढ़ा दिया जाएगा।