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पीआर किस्म के धान की खरीद हुई शुरू, किसानों को राहत

पिछले पांच दिनों से बंद हुई पीआर किस्म के धान की खरीद बुधवार को शुरू हुई जिससे किसानों ने राहत की सांस ली। किसानों ने शिकायत दी थी कि उन्हें मंडी में पीआर किस्म का धान लेकर आये हुए पांच दिन हो गए है लेकिन कोई भी अधिकारी उनकी धान खरीद करने के लिए नहीं आ रहा

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 09:45 AM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 09:45 AM (IST)
पीआर किस्म के धान की खरीद  हुई शुरू, किसानों को राहत
पीआर किस्म के धान की खरीद हुई शुरू, किसानों को राहत

जागरण संवाददाता, कैथल : पिछले पांच दिनों से बंद हुई पीआर किस्म के धान की खरीद बुधवार को शुरू हुई, जिससे किसानों ने राहत की सांस ली। किसानों ने शिकायत दी थी कि उन्हें मंडी में पीआर किस्म का धान लेकर आये हुए पांच दिन हो गए है, लेकिन कोई भी अधिकारी उनकी धान खरीद करने के लिए नहीं आ रहा। धान की खरीद सरकारी एजेंसियों ने बिना किसी सूचना के बंद कर दी गई थी। जिससे अनाज मंडी में काफी किसान अपनी धान मंडी में लाने के बावजूद भी बेचने से रह गए थे। सरकारी एजेंसियों की ओर से बुधवार को धान की खरीद शुरू की गई। मार्केट कमेटी के सचिव दलेल सिंह ने बताया कि बुधवार को पीआर किस्म के धान की खरीद शुरू कराने की मांग पर आढ़ती उनसे मिले थे, जिसके बाद डीएफएससी विरेंद्र सिंह कार्यालय पर आए थे, इसके बाद उन्होंने पीआर किस्म के धान की खरीद शुरू करवाई। सचिव ने बताया कि पीआर किस्म के धान की खरीद आला अधिकारियों की ओर से बंद कर दी गई थी, अब डीएफएससी ने राइस मिलर अलॉट कर शुरू करवाया है।

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धान की हुई खरीद

पाई की अनाज मंडी में भी हैफेड की ओर से सरकार के आदेशों के बाद किसानों की पड़ी हुई हजारों क्विंटल धान को खरीद लिया। उधर, सरकार की ओर से यह कहा गया कि सरकार का खरीद का कोटा पूरा हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद किसानों की फसल का एक एक दाना खरीद किया जाएगा। सरकार के आदेश पर धान मंडी से आज तो खरीद किया गया, लेकिन पता चला की यह खरीद सिर्फ एक दिन के लिए थी।

खेतों में पड़ा है किसानों का धान

डीएफएससी विरेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार के आदेश पर आज धान खरीदा गया। वहीं किसान समिति के राष्ट्रीय सलाहकार अजीत सिंह हाबड़ी व किसान नेता बलवान पाई ने बताया की अभी किसानों के खेतों में पीआर किस्म का धान पड़ा है। अभी मंडियों में पीआर 14 व 11 किस्म की धान ही आया है और पूसा किस्म की धान देरी से पकता है और वह लगभग 20 प्रतिशत किसान के खेतों में खड़ी है।


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