मृत गोवंश को दबाने के लिए समस्या बरकरार
मृत गोवंश दबाने को लेकर समस्या आज भी बरकरार है। तीन अगस्त को इस समस्या को लेकर गोशाला संचालकों व गोरक्षा दल के सदस्यों ने पिहोवा चौक पर जाम लगा दिया था। इसे खुलवाने के लिए डीसी ने आश्वासन दिया था कि सात दिन में मृत गोवंश को दबाने के लिए स्थायी जगह दे दी जाएगी और नप की ओर से गोशालाओं से मृत पशुओं को उठाया जाएगा।
जागरण संवाददाता, कैथल : मृत गोवंश दबाने को लेकर समस्या आज भी बरकरार है। तीन अगस्त को इस समस्या को लेकर गोशाला संचालकों व गोरक्षा दल के सदस्यों ने पिहोवा चौक पर जाम लगा दिया था। इसे खुलवाने के लिए डीसी ने आश्वासन दिया था कि सात दिन में मृत गोवंश को दबाने के लिए स्थायी जगह दे दी जाएगी और नप की ओर से गोशालाओं से मृत पशुओं को उठाया जाएगा। आश्वासन दिए आज 26 दिन हो चुके हैं, लेकिन मृत पशुओं को दबाने की जगह प्रशासन नहीं तलाश पाया है।
नप कर्मचारियों की ओर से रोजाना गोशालाओं व शहर की सड़कों से 12 से 15 मृत गोवंश उठाए जा रहे हैं। हालात ये हो गए हैं कि कर्मचारी जहां भी मृत गोवंश को दबाने के लिए जाते हैं, उनका विरोध किया जाता है। कई बार तो कर्मचारियों को पुलिस की सहायता भी लेनी पड़ जाती है। अब मजबूरी में कर्मचारियों को रात के समय शहर में खाली जगह देख कर पशुओं को दबाना पड़ रहा है।
नहीं लग रहा हड्डा रोडी का टेंडर
नगर परिषद की ओर से करीब दो सालों से हड्डा रोडी का टेंडर नहीं लगाया जा रहा है। अगर यह टेंडर लग जाए तो भी इस समस्या का काफी हद तक समाधान हो सकता है। हालांकि हड्डा रोडी खोलने के लिए भी प्रशासन के पास कोई जमीन नहीं है। शहर में पहले जहां भी हड्डा रोडी चल रही थी लोगों का विरोध होने के कारण उन्हें बंद कर दिया गया था।
बढ़ रही बेसहारा पशुओं की संख्या
नगर परिषद की ओर से कुछ दिन पहले करीब 100 पशुओं को पकड़कर नंदीशाला में छोड़ा गया था। उसके बाद अभियान को बंद कर दिया गया था। शहर की सड़कों पर करीब 600 से 700 बेसहारा पशु घूम रहे हैं। इन पशुओं के कारण सड़कों पर हादसे भी हो रहे हैं। हादसों में वाहन चालक भी घायल हो रहे हैं। शहर के लोग कई बाद पशुओं को पकड़ने की मांग कर चुके हैं, लेकिन समाधान नहीं हो रहा है। शहर की चार गोशालाओं में भी भारी संख्या में पशु हैं, ऐसे में वे भी पशुओं को नहीं ले रहे हैं।
पशुओं को दबाने के लिए नहीं मिल रही जगह
नगर परिषद के मुख्य सफाई निरीक्षक मोहन भारद्वाज ने बताया कि मृत पशुओं को दबाने के लिए जगह न मिलने के कारण परेशानी उठानी पड़ रही है। जहां भी कर्मचारी जा रहे हैं वहीं विरोध हो रहा है। कर्मचारी दिन में मृत पशुओं को उठाकर लाते हैं और रात के समय खाली जगह देख कर उन्हें दबाते हैं।
जगह तलाश करने का प्रयास किया जा रहा
डीसी डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि प्रशासन की ओर से जगह तलाश करने का प्रयास किया जा रहा है। नगर परिषद के अधिकारियों को भी आदेश दिए गए हैं कि कोई नियमित जगह तलाश की जाए। समस्या गंभीर है, लेकिन इसके समाधान का प्रयास लगातार किया जा रहा है।