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15 दिनों से हैवी लाइसेंस की नहीं हो रही पासिंग, ट्रांसपोर्टरों ने की नारेबाजी

भारी वाहनों की जिले में 15 दिन से कोई पासिग नहीं हो रही है। ट्रांसपोर्टर अपनी गाड़ियों को पास करवाने के लिए भटक रहे हैं। शुक्रवार को भी गाड़ियां पास करवाने के लिए पहुंचे ट्रांसपोर्टरों को कोई अधिकारी पासिग के लिए नहीं मिला।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 06:37 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 06:37 AM (IST)
15 दिनों से हैवी लाइसेंस की नहीं हो रही  पासिंग, ट्रांसपोर्टरों ने की नारेबाजी
15 दिनों से हैवी लाइसेंस की नहीं हो रही पासिंग, ट्रांसपोर्टरों ने की नारेबाजी

जागरण संवाददाता, कैथल: भारी वाहनों की जिले में 15 दिन से कोई पासिग नहीं हो रही है। ट्रांसपोर्टर अपनी गाड़ियों को पास करवाने के लिए भटक रहे हैं। शुक्रवार को भी गाड़ियां पास करवाने के लिए पहुंचे ट्रांसपोर्टरों को कोई अधिकारी पासिग के लिए नहीं मिला। इसके विरोध में ट्रांसपोर्टरों ने लघु सचिवालय में जमकर हंगामा किया और डीसी सुजान सिंह को शिकायत दी।

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फिटनेस टेस्ट के लिए पहुंचे ट्रांसपोर्टरों ने बताया कि 15 दिनों से आरटीए द्वारा परेशान किया जा रहा है। फोन नहीं उठाया जा रहा है। अधिकारियों को पासिग के लिए नहीं भेजा जा रहा है। 60 के करीब पुरानी गाड़ियों और ट्रकों के साथ अन्य कॉमर्शियल वाहनों की पासिग नहीं हो रही है। पासिग के लिए यहां आते हैं उन्हें अधिकारी नहीं मिलते हैं। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि विभाग द्वारा कहा जाता है कि अधिकारी का ट्रांसफर होने के बाद से यहां परेशानी है। अधिकारी का ट्रांसफर किया गया है तो उसकी जगह दूसरे को लगाना चाहिए। आरटीए सचिव से जब इस मामले में बातचीत करनी चाहिए तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

चेकिग के दौरान इम्पाउंड कर लिया जाता है वाहनों को

ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि गाड़ियों के पास न होने के कारण कई बार गाड़ियों को चेकिग के दौरान इम्पाउंड कर लिया जाता है। उन पर पहले भी फाइन लगाया गया है। इस वजह से बिना पास हुई गाड़ियों को ट्रांसपोर्टर चला ही नहीं पाते हैं। इससे उनको आर्थिक नुकसान हो रहा है। परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो गया है।

अधिकारी के लिए 15 दिन से भटक रहे है: मनोज

मनोज प्यौदा ने बताया कि वे 15 दिन से गाड़ी की पासिग के लिए आ रहे है। गाड़ी की पासिग नहीं हो रही है। ये कहकर वापस भेज दिया जाता है कि अगले सप्ताह आना। दो सप्ताह से चक्कर काट रहा है, कोई समाधान नहीं हो रहा है।

अधिकारी के हस्ताक्षर के लिए भटकना पड़ता है: मंदीप

मंदीप कैथल ने बताया कि लाइसेंस पर साइन करवाने के लिए अधिकारी के लिए भटकना पड़ता है। अधिकारी यहां मिलते नहीं है। जब दूसरे कर्मचारियों से पूछते है, तो कहते है साहब फाइल पर साइन करेंगे। उसके बाद आपको मिलेगी। काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

चार बार काट चुका हूं चक्कर- गुलशन

खेडी शेरू के गुलशन ने बताया कि गाड़ी की पासिग के लिए चार बार चक्कर काट चुका हूं। मंगलवार को अपना काम छोड़कर यहां आया था। उस दिन भी पासिग नहीं हुई। परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है।

ट्रांसफर का बनाया जा रहा है बहाना-

सुखदेव खानपुर ने बताया कि विभाग के अधिकारी ट्रांसफर का बहाना बनाया जा रहा है। इससे हमारा मतलब क्या है। यहां कई अधिकारी हैं, किसी को भी पासिग के लिए लगाया जा सकता है।


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