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जिप में फर्नीचर खरीद के नाम पर 20 लाख के घोटाले की जांच के लिए कमेटी गठित

जिला परिषद में 20 लाख रुपये फर्नीचर घोटाला सामने आने के बाद कमेटी का गठन किया है। इसमें चेयरपर्सन सुखविद्र कौर आंधली वाइस चेयरमैन मुनीष कठवाड़ और जिप के एकाउंटेंट को शामिल किया है जो इस मामले की जांच करने के बाद विभाग को रिपोर्ट सौपेंगे। आरोप है कि कागजों में स्टाफ ने अपनी स्तर पर 20 लाख रुपये की राशि का फर्नीचर सहित अन्य सामान तो खरीद लिया लेकिन कार्यालय में कुछ भी नहीं पहुंचा। इतना ही नहीं इतनी बड़ी राशि खर्च करने के लिए न तो जिला परिषद के सदन से अनुमति ली गई और न ही चेयरपर्सन सुखविद्र कौर और न ही मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमलप्रीत कौर को इसकी जानकारी दी गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 06:35 AM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 06:35 AM (IST)
जिप में फर्नीचर खरीद के नाम पर 20 लाख  के घोटाले की जांच के लिए कमेटी गठित
जिप में फर्नीचर खरीद के नाम पर 20 लाख के घोटाले की जांच के लिए कमेटी गठित

सुरेंद्र सैनी, कैथल : जिला परिषद में 20 लाख रुपये फर्नीचर घोटाला सामने आने के बाद कमेटी का गठन किया है। इसमें चेयरपर्सन सुखविद्र कौर आंधली, वाइस चेयरमैन मुनीष कठवाड़ और जिप के एकाउंटेंट को शामिल किया है, जो इस मामले की जांच करने के बाद विभाग को रिपोर्ट सौपेंगे। आरोप है कि कागजों में स्टाफ ने अपनी स्तर पर 20 लाख रुपये की राशि का फर्नीचर सहित अन्य सामान तो खरीद लिया, लेकिन कार्यालय में कुछ भी नहीं पहुंचा। इतना ही नहीं इतनी बड़ी राशि खर्च करने के लिए न तो जिला परिषद के सदन से अनुमति ली गई और न ही चेयरपर्सन सुखविद्र कौर और न ही मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमलप्रीत कौर को इसकी जानकारी दी गई।

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27 नवंबर को जिला परिषद के दो दिवसीय सामान्य सत्र के दौरान यह मुद्दा वाइस चेयरपर्सन मुनीष कठवाड़ और पार्षद रवि तारांवाली ने चेयरपर्सन और सीईओ के सामने उठाया था। इसके बाद इस मामले में जांच के आदेश दिए गए थे। यह मामला हाउस की बैठकों में भी उठता रहा है।

पार्षदों ने ये लगाए थे आरोप

पार्षदों ने आरोप लगाया था कि बिना हाउस की अनुमति के 20 लाख रुपये खर्च कर दिए। इसमें फर्नीचर के साथ-साथ एलईडी खरीद के बिल लगाए गए हैं। आरोप है कि स्टाफ के सदस्यों ने नई एलईडी अपने घर पर लगा ली और पुरानी एलइडी को कार्यालय में लगा दिया। इस सामान को खरीदने के लिए कमेटी तक नहीं बनाई गई। जब इस बारे में रिपोर्ट मांगी गई तो डीलिग हेड ओमप्रकाश ने सदन को बताया था कि इस मामले को लेकर कमेटी का तो अभी गठन ही नहीं हुआ। इस पर पार्षदों ने हैरानी जताई थी। इसके साथ-साथ स्वच्छता बजट में भी गोलमाल का आरोप पार्षदों ने लगाया था। आरोप था कि स्वच्छता बजट से हुई खरीद को लेकर गांव की साफ-सफाई को लेकर सामान खरीदा गया, जबकि इसे लेकर भी कोई अनुमति नहीं ली गई। सामान क्या खरीदा इस बारे में भी कोई जानकारी अधिकारी नहीं दे पाए। पार्षदों का आरोप है कि गांव की साफ-सफाई को लेकर खानापूर्ति हो रही है। लगाए गए सफाई कर्मचारी इस कार्य को लेकर गंभीर नहीं है। गांव में सफाई न होने के कारण गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। सड़कों के नजदीक ही घरों की गंदगी डाली जा रही है।

कमेटी गठित कर दी गई

जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमलप्रीत कौर ने बताया कि जिप में 20 लाख रुपये का फर्नीचर सहित अन्य सामान की खरीद को लेकर जो आरोप पार्षदों ने लगाए हैं उनकी जांच को लेकर कमेटी गठित कर दी है। चेयरपर्सन सुखविद्र कौर की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया गया है, जो इस मामले की जांच करेंगी। यह खरीद का कार्य उनके कार्यकाल से पहले हुआ है। इसलिए उन्होंने इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।

चेयरपर्सन सुखविद्र कौर आंधली ने कहा कि सदन की बिना अनुमति के 20 लाख रुपये का फर्नीचर सहित अन्य सामान खरीदा गया है। इसे लेकर जांच कमेटी गठित की गई है। जांच के बाद ही सामने आया गया कि क्या-क्या सामान खरीदा गया है।


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