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प्याज के बढ़ते भाव ने बिगाड़ा रसोई का जायका

इन दिनों प्याज की कीमत बाजारों में आसमान छू रही हैं बीते एक सप्ताह से प्याज की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 09:13 AM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 09:13 AM (IST)
प्याज के बढ़ते भाव ने बिगाड़ा रसोई का जायका
प्याज के बढ़ते भाव ने बिगाड़ा रसोई का जायका

जागरण संवाददाता, कैथल :

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इन दिनों प्याज की कीमत बाजारों में आसमान छू रही हैं, बीते एक सप्ताह से प्याज की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है। एक-दो माह पहले 30 से 35 रुपये प्रति किलो भाव से बिकने वाला प्याज, अब मंडियों में 100 रुपये किलो तक पहुंच गया है, इस कारण खरीदारों की संख्या कम होती जा रही है। प्याज के भाव बढ़ने के बाद रसोई का बजट पूरी तरह से बिगड़ गया है। गृहिणियों ने अब सब्जी में प्याज का तड़का लगाना छोड़ दिया है। मंडी में इन दिनों जो प्याज मिल रहा है, उसकी क्वालिटी भी खराब है, छोटे आकार का प्याज 80 से 85 रुपये है तो बड़े अकार का प्याज 100 रुपये प्रति किलो मिल रहा है।

जून व जुलाई के महीने में प्याज केवल 10 से 20 रुपये किलो भाव से बिकता रहा है। अगस्त में भी अच्छी क्वालिटी की प्याज 20 से 30 रुपये किलो भाव से ग्राहकों को मिल रहा था, लेकिन अब 80 से 100 रुपये किलो प्याज के भाव पहुंच गए है। मंडी के थोक व्यापारी राजेश, रामकुमार व नरेंद्र का कहना है कि नासिक, महाराष्ट्र, राजस्थान व गुजरात से ही ज्यादातर प्याज आता था, इस बार इन राज्यों में बरसात ज्यादा मात्रा में होने की वजह से पैदावार कम हुई है, जो प्याज महंगा होने के कारण मुख्य कारण है।

दुकानदार बलवान का क्वालिटी को लेकर कहना है कि बरसात का प्रभाव प्याज की फसल पर ज्यादा पड़ा है, इस कारण प्याज की क्वालिटी भी निम्न है। कारोबारियों का कहना है कि अगले दो दिनों इसकी कीमतों में और ज्यादा उछाल आने की संभावना है। वहीं, दुकानदार प्रकाश ने बताया कई साल बाद प्याज की कीमतों में फिर उछाल आया है। कीमतें और बढ़ी तो यह सामान्य परिवारों की पहुंच से दूर हो जाएगा। प्रशासन को देखना चाहिए कहीं जमाखोरी तो नहीं हो रही है। अगर कहीं जमाखोरी हो रही है उस पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

प्याज के भाव पर नियंत्रण करना चाहिए

उपभोक्ता दीपक कल्याण ने बताया कि प्याज की बढ़ते भाव हैरान करने वाले है। जो प्याज दुकानों से 3 से 7 रुपये प्रति किलो के भाव से खरीदते थे, वहीं आज इतने ऊंचे भाव में खरीद रहे है। प्याज प्रत्येक परिवार के लिए रोजमर्रा की जरूरत में शामिल है। सरकार को प्याज के भाव पर नियंत्रण करना चाहिए।

दिक्कत हो रही है

उपभोक्ता भाना राम ने बताया कि पहले प्याज को 5 से 10 किलो तक लेकर जाते थे अब भाव ज्यादा होने के कारण एक किलो प्याज भी कभी-कभी लेकर जाते है। भाव बढ़ने के कारण प्याज खरीदने में दिक्कत आ रही है।

रसोई का बजट बिगड़ा

गृहिणी सुनीता ने बताया कि प्याज के दाम बढ़ने के कारण रसोई का बजट बिगड़ा है। प्याज की मात्रा को सब्जियों में कम कर दिया है, वहीं सलाद में भी प्याज नहीं दिया जा रहा है। महंगाई की इतनी मार है कि प्याज खाना तो दूर तड़का लगाना मुश्किल हो रहा है।


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