मंडी में 1800 प्रति क्विंटल से कम में बिक रहा पीआर धान, किसानों में रोष
नई अनाज मंडी में पीआर धान के रेट कम मिलने से किसान मायूस हैं। किसानों का कहना है कि निर्धारित रेट 1888 प्रति क्विंटल के बजाए किसानों का धान 1800 से भी कम बिक रहा है। धान में नमी और चावल भी टूटा हुआ नहीं है इसके बावजूद धान को निर्धारित भाव से कम खरीदने के कारण किसानों में रोष बढ़ रहा है। किसानों का कहना है कि इस बार भाव कम मिलने से नुकसान है।
जागरण संवाददाता, कैथल : नई अनाज मंडी में पीआर धान के रेट कम मिलने से किसान मायूस हैं। किसानों का कहना है कि निर्धारित रेट 1888 प्रति क्विंटल के बजाए किसानों का धान 1800 से भी कम बिक रहा है। धान में नमी और चावल भी टूटा हुआ नहीं है, इसके बावजूद धान को निर्धारित भाव से कम खरीदने के कारण किसानों में रोष बढ़ रहा है।
किसानों का कहना है कि इस बार भाव कम मिलने से नुकसान है। किसानों को कई-कई दिनों तक फसल बेचने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। इसी तरह से 1509 के भाव भी कम मिल रहे हैं। कई दिन पहले जहां 2050 रुपये प्रति क्विंटल से भी ज्यादा रेट मिले थे, वहीं अब 1800 से भी कम भाव मिल रहे हैं। पिछले साल सीजन की बात करें तो 1509 के रेट 2700 से 2800 रुपये थे, लेकिन इस बार किसानों को कम भाव मिलने से नुकसान हो रहा है। जिन किसानों ने ठेके पर भूमि लेकर फसल लगाई हुए हैं, उन किसानों को बचत तो दूर की बात लागत तक पूरी नहीं हो पा रही है। वहीं मंडियों में उठान और खरीद का कार्य धीमा होने से किसानों को मंडी से बाहर धान डालना पड़ रहा है।
किसानों के साथ हो रही लूट : रणदीप
भारतीय किसान संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष रणदीप आर्य ने बताया कि इस बार धान के सीजन में किसानों के साथ लूट हो रही है। कम भाव में पीआर और 1509 धान को खरीदा जा रहा है। नमी और टुकड़ा बताकर कम रेट पर धान खरीदा जा रहा है। कहने को तो 1888 रुपये सरकारी रेट बताया जा रहा है, लेकिन 1800 से भी कम भाव किसानों को मिल रहे हैं।
आरोप है कि आढ़ती, एजेंसी और राइस मिलर मिले हुए हैं। संघ सदस्यों ने दो दिन पहले मंडी का दौरा किया था। इस बारे में जल्द ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलकर मंडियों की स्थिति से अवगत करवाया जाएगा।
1790 रुपये में बिका धान : सतीश
दयौरा गांव निवासी किसान सतीश कुमार ने बताया कि तीन दिन पहले पीआर धान लेकर मंडी में आया था। 12 एकड़ में पीआर धान लगाया गया है। जो कि आज 1790 रुपये में बिका है, जबकि रेट 1888 रुपये है। धान सूखा हुआ है और दाना भी ठीक है, लेकिन फिर भी कम खरीदा जा रहा है। काफी नुकसान हुआ है, लेकिन किसान फसल को लेकर कहां जाएगा। सरकार और प्रशासन को किसानों की समस्याओं के बारे में मंडियों में आकर देखना चाहिए।
भाव कम मिलने से नुकसान : कली राम
किसान कली राम ने बताया कि साढ़े तीन एकड़ में पीआर धान लगाया हुआ था। आज धान बिका है। 1790 रुपये रेट मिले हैं। धान नमी वाला नहीं है, फिर भी कम भाव मिलने स मायूस हैं।
1795 में बिका 1509 धान : राजेंद्र
अटैला गांव के किसान राजेंद्र ने बताया कि 1509 धान लेकर मंडी में आया था। रेट 1795 रुपये मिला, जो काफी कम है। तीन-चार दिन पहले दो हजार से भी ज्यादा रेट में धान बिका, लेकिन अब रेट कम हो गया। रेट कम मिलने से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
रेट कम मिलने से हो रहा नुकसान
रोहेड़ियां गांव निवासी किसान चंदू राम ने बताया 1509 धान लेकर मंडी में आया हूं। 1900 रुपये में धान बिका है। पिछले साल 2700 रुपये में धान बेचा था। इस बार रेट कम मिलने से काफी नुकसान हो रहा है। किसानों की कोई सुनने वाला नहीं है।
सही हो रहा उठान : दीपक
मार्केट कमेटी सचिव दीपक कुमार ने बताया कि मंडियों में उठान और खरीद सही चल रहा है। खरीद एजेंसियां मंडियों से धान खरीद रही हैं। किसानों को सभी सुविधाएं मंडियों में दी गई हैं।