देश से समाप्त नहीं हुई गरीबी व बेरोजगारी, बल्कि बढ़ी: सुभाषिनी
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सीपीमार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सीपीआई (एम) की राज्य स्तरीय जनसंदेश यात्रा के कलायत पहुंचने पर प्रजापति चौपाल में जनसभा का आयोजन किया गया। इस जनसंदेश यात्रा के कार्यक्रम की अध्यक्षता कामरेड जसपाल ¨सह ने की जबकि मंच का संचालन कामरेड सत्यवान द्वारा किया गया।
संवाद सहयोगी, कलायत: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सीपीआई (एम) की राज्य स्तरीय जनसंदेश यात्रा के कलायत पहुंचने पर प्रजापति चौपाल में जनसभा का आयोजन किया गया। इस जनसंदेश यात्रा के कार्यक्रम की अध्यक्षता कामरेड जसपाल ¨सह ने की जबकि मंच का संचालन कामरेड सत्यवान द्वारा किया गया।
बतौर मुख्य वक्ता माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य एवं पूर्व सांसद सुभाषिनी अली सहगल ने शिरकत की। सहगल ने कहा कि देश को आजाद हुए 71 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन देश से गरीबी और बेरोजगारी समाप्त होना तो दूर बल्कि बढ़ती ही जा रही है। जो आजादी देश के वीर सपूतों ने अपनी शहादत देकर दिलाई थी वह भी खतरे में नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ.भीमराव आंबेडकर द्वारा बनाए गए भारत के संविधान में समानता व धर्म निरपेक्षता के साथ स्वतंत्रता को विशेष जगह दी थी ताकि देश का समुचित विकास हो सके। कुछ देश विरोधी ताकतें दिल्ली में देश के संविधान की प्रतियां यह कह कर जलाने में लगी है कि हमें इस संविधान की आवश्यकता ही नहीं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) कभी भी इस संविधान के पक्ष में नहीं रहा, क्योंकि वह मनुस्मृति आचार संहिता में विश्वास रखती है। केंद्र की मोदी व प्रदेश सरकार लोगों की सुविधाएं प्रदान करने की बजाए उनकी दिक्कतें बढ़ा रही है। इसका ही परिणाम है कि बेरोजगारी, महंगी शिक्षा व चिकित्सा, गरीबी सहित सामाजिक असुरक्षा को समाप्त करने में विश्वास नहीं रखती। केंद्र व प्रदेश सरकार पूंजीपतियों की तिजोरियां भरने में विश्वास करती है। इसका ही परिणाम है कि अडानी, अंबानी व रामदेव आदि की दौलत बेशुमार बढ़ी है।
माकपा राज्य सचिव सुरेंद्र ¨सह ने इस मौके पर कहा कि जिस प्रकार का दौर इस समय चल रहा ह,ै ऐसे में लोगों का जीवनयापन करना मुश्किल हो रहा है। आज के समय में कर्मचारी, मजदूर, तथा कर्मचारी वर्ग अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे है, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा उनकी अनदेखी की जा रही है। सीपीएम का लाल झंडा सही मायने में मेहनतकशों का झंडा है जो इनकी लड़ाई में साथ देकर आवाज बुलंद करने का कार्य कर रहा है। इस दौरान जिला सचिव कामरेड प्रेमचंद, अमृतलाल, महेंद्र ¨सह व शर्मिला ने भी अपने विचार व्यक्त किए।