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मेडिकल कचरे को जलाने वाले निजी अस्पतालों पर कसेगा शिकंजा

मेडिकल कचरे को सरेआम आग के हवाले कर देने वाले निजी अस्पताल संचालकों पर अब हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शिकंजा कसने जा रहा है। इसकी एक बानगी मंगलवार को तब देखने को मिली जब सुबह करीब साढ़े नौ बजे एक निजी अस्पताल के कर्मचारियों ने कचरे के ढेर में आग लगा दी। इसससे काफी समय तक काला धुंआ निकलता रहा। आग की सूचना मिलने के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ टीम के साथ मौके पर पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 06:32 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 06:32 AM (IST)
मेडिकल कचरे को जलाने वाले निजी  अस्पतालों पर कसेगा शिकंजा
मेडिकल कचरे को जलाने वाले निजी अस्पतालों पर कसेगा शिकंजा

सुनील जांगड़ा, कैथल : मेडिकल कचरे को सरेआम आग के हवाले कर देने वाले निजी अस्पताल संचालकों पर अब हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शिकंजा कसने जा रहा है। इसकी एक बानगी मंगलवार को तब देखने को मिली, जब सुबह करीब साढ़े नौ बजे एक निजी अस्पताल के कर्मचारियों ने कचरे के ढेर में आग लगा दी। इसससे काफी समय तक काला धुंआ निकलता रहा। आग की सूचना मिलने के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ टीम के साथ मौके पर पहुंचे। हालांकि उस समय तक आग बुझ चुकी थी। अस्पताल संचालक को मौके पर ही बुला लिया गया था।

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फिलहाल संचालक को चेतावनी देकर छोड़ा गया है। अगर भविष्य में अस्पताल के कर्मचारियों ने कचरे में आग लगाई तो पांच हजार रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है। उसके बाद एसडीओ विकास हुडा ने मेडिकल वेस्ट के निपटान को लेकर अस्पताल का निरीक्षण किया। वेस्ट का निपटान भी ठीक से नहीं किया जा रहा था। मेडिकल वेस्ट के कचरे को एकत्रित करने के लिए पांच तरह के डस्टबिन लगाने होते हैं। हर डस्टबिन में अलग वेस्ट डाला जाता है, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा था। कुछ दिन पहले ही प्रदूषण बोर्ड की ओर से जींद और कैथल के करीब 80 लैब और अस्पताल संचालकों को नोटिस भी भेजे गए थे।

एसडीओ ने अस्पताल संचालक को कहा कि जल्द ही दोबारा से निरीक्षण किया जाएगा। अगर उस समय भी मेडिकल वेस्ट का उचित निपटान नहीं किया तो कार्रवाई की जाएगी।

मंगलवार को 265 था एक्यूआइ

पिछले एक सप्ताह से लगातार एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ रहा था। सोमवार को इंडेक्स 325 तक पहुंच गया था। हालांकि मंगलवार को इंडेक्स घटकर 265 रह गया था। धान के अवशेषों में आग लगने और कचरे के ढेर में आग लगने के कारण इंडेक्स बढ़ जाता है। अगर इंडेक्स 200 के ऊपर होता है तो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। मौसम में बदलाव के कारण भी वायु में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। हालांकि जिला प्रशासन की ओर से लगातार किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि वे धान के अवशेषों में आग ना लगाएं।

सुबह एक निजी अस्पताल के बाहर कचरे के ढेर में आग लगाने की सूचना मिली थी। मौके पर जाकर अस्पताल संचालक को चेतावनी दी गई है। बायोमेडिकल वेस्ट का भी उचित निपटान नहीं किया जा रहा था। अगर भविष्य में भी खामियां पाई गई तो अस्पताल संचालक पर कार्रवाई की जाएगी।

- विकास हुडा, एसडीओ, हरियाणा स्टेट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कैथल।

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