खेल सेंटर पर जिदगी की दौड़ जीत रहे खिलाड़ी
खेल विभाग की ओर से चीका के डीएवी कॉलेज में 2014 में एथलेटिक्स का खेल सेंटर शुरू किया गया था। खेल सेंटर चलाने की जिम्मेदारी एथलेटिक्स कोच सतनाम सिंह को दी गई थी। जब सेंटर शुरू किया गया था तो उस समय मात्र दो खिलाड़ी ही अभ्यास करने के लिए आए थे। उसके बाद धीरे-धीरे खिलाड़ियों की संख्या बढ़ती गई और अब वहां करीब 200 खिलाड़ी हैं जो अभ्यास करते हैं। सेंटर की खास बात यह है कि यहां अभ्यास करने वाले करीब 130 खिलाड़ी खेल कोटे में सरकारी नौकरी हासिल कर चुके हैं। इनमें करीब 122 लड़के और आठ लड़कियां हैं जो नौकरी पर लगी हुई है। ज्यादातर खिलाड़ी हरियाणा पुलिस पंजाब पुलिस इंडियन आर्मी रेलवे शिक्षा विभाग सीआरपीएफ में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अगर सेंटर पर कोई जरूरतमंद खिलाड़ी आ जाता था तो उसे खेल कीट भी कोच की ओर से उपलब्ध करवाई जाती थी।
सुनील जांगड़ा, कैथल: खेल विभाग की ओर से चीका के डीएवी कॉलेज में 2014 में एथलेटिक्स का खेल सेंटर शुरू किया गया था। खेल सेंटर चलाने की जिम्मेदारी एथलेटिक्स कोच सतनाम सिंह को दी गई थी। जब सेंटर शुरू किया गया था तो उस समय मात्र दो खिलाड़ी ही अभ्यास करने के लिए आए थे। उसके बाद धीरे-धीरे खिलाड़ियों की संख्या बढ़ती गई और अब वहां करीब 200 खिलाड़ी हैं जो अभ्यास करते हैं।
सेंटर की खास बात यह है कि यहां अभ्यास करने वाले करीब 130 खिलाड़ी खेल कोटे में सरकारी नौकरी हासिल कर चुके हैं। इनमें करीब 122 लड़के और आठ लड़कियां हैं जो नौकरी पर लगी हुई है। ज्यादातर खिलाड़ी हरियाणा पुलिस, पंजाब पुलिस, इंडियन आर्मी, रेलवे, शिक्षा विभाग, सीआरपीएफ में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अगर सेंटर पर कोई जरूरतमंद खिलाड़ी आ जाता था तो उसे खेल कीट भी कोच की ओर से उपलब्ध करवाई जाती थी।
अभ्यास करते इंटरनेशनल स्तर के खिलाड़ी
खेल सेंटर पर मौजूदा समय में पांच इंटरनेशनल स्तर और 20 नेशनल स्तर के खिलाड़ी अभ्यास कर रहे हैं। पांच खिलाड़ियों का चयन थाइलैंड में होने वाली पैराएथलिट प्रतियोगिता के लिए हुआ था, लेकिन कोरोना के कारण प्रतियोगिता स्थगित कर दी गई थी। खिलाड़ी वर्षा का चयन साउथ एशियन फेडरेशन की ओर से करवाई जानी सैफ क्रॉस कंट्री प्रतियोगिता के लिए हुआ था, लेकिन कोरोना के कारण यह प्रतियोगिता नहीं हो पाई थी। खेल सेंटर पर खिलाड़ी सुबह-शाम तीन-तीन घंटे अभ्यास करते हैं। अभ्यास के दौरान सतनाम सिंह मौजूद रहे हैं और खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाते हैं।
जंगल की सफाई कर बनाया मैदान
सतनाम सिंह ने बताया कि जब उन्हें खेल सेंटर दिया गया था वहां कोई स्टेडियम नहीं था। जिस जगह पर खेल सेंटर चलाना था, वहां जंगल बना हुआ था। उन्होंने स्वयं और कालेज प्रबंधन के सहयोग से जंगल को साफ किया। मैदान तैयार किया और उसमें 100, 200 और 400 मीटर के रेस ट्रैक बनाए। इस कार्य में उन्होंने दो लाख रुपये अपने स्तर पर भी खर्च किए थे।