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किठाना में स्थाई बस स्टैंड नहीं होने से यात्री परेशान

राजौंद खंड के गांव किठाना कस्बा मे स्थाई बस स्टैंड नहीं होने के कारण यात्री परेशान है। सर्दी के मौसम में लगभग 10 गांव के करीब 15 हजार यात्रियों सड़क पर खड़े होकर बसों का इंतजार करते है लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण यहां कोई बस क्यू शेल्टर नहीं बन पाया है। इस कारण विद्यार्थियों व राहगीरों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 09:46 AM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 09:46 AM (IST)
किठाना में स्थाई बस स्टैंड नहीं होने से यात्री परेशान
किठाना में स्थाई बस स्टैंड नहीं होने से यात्री परेशान

जागरण संवाददाता, कैथल : राजौंद खंड के गांव किठाना कस्बा मे स्थाई बस स्टैंड नहीं होने के कारण यात्री परेशान है। सर्दी के मौसम में लगभग 10 गांव के करीब 15 हजार यात्रियों सड़क पर खड़े होकर बसों का इंतजार करते है, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण यहां कोई बस क्यू शेल्टर नहीं बन पाया है। इस कारण विद्यार्थियों व राहगीरों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

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राहगीरों का कहना है कि यहां से चंडीगढ़, हांसी, कैथल, जींद, राजौंद, नरवाना, उचाना रूट पर जाने वाली बसों को पकड़ना होता है। बस स्टैंड स्थाई न होने के कारण बसों को आगे पीछे रोका जाता है।

दैनिक जागरण की टीम ने शनिवार को सुबह 8:00 बजे से लेकर 09:30 तक गांव किठाना के बस स्टैंड का दौरा किया। इस दौरान कई बसों के चालकों ने विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा देखते हुए बसों को रोका ही नहीं। कुछ चालकों ने तो स्टैंड से दूर जाकर बसों को रोका। इस कारण विद्यार्थी बसों की तरफ भागते हुए नजर आए। सबसे पहले हांसी चंडीगढ़ जाने वाली बस किठाना पहुंची तो उसके चालक बस को पीछे रोक कर सवारी उतारने लगे। 20 मिनट बाद भिवानी चंड़ीगढ़ बस जब किठाना पहुंची तो उस बस के चालक ने बस को अस्थाई बस स्टैंड से 200 मीटर की दूरी पर रोका दिया। इसके बाद जींद की ओर जाने वाले अस्थाई बस स्टैंड पर पहुंचे तो वहां जींद की तरफ जाने के लिए विद्यार्थियों को 30 मिनट से बस नहीं मिली। इसके बाद बस आई तो उसमें भीड़ ज्यादा थी तो विद्यार्थी बसों की खिड़की पर लटकर सफर करते हुए दिखे।

इन गांव के लोग पहुंचते है किठाना :

किठाना, छातर, संडील, मांडी, रोहेड़ा, थुआ, माजरा, लोधर, कमालपुर, बड़सीकरी गांव के लोग चंडीगढ़ व दिल्ली जाने के लिए किठाना स्टॉपिज पर पहुंचते है। लेकिन बस पकड़ने के लिए इन्हें बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। इन गांवों के लोगों ने बस स्टैंड बनाने की मांग प्रशासन से की है।

बस को चालक रोकते आगे पीछे :

विद्यार्थी अंकित ने कहा कि विद्यार्थियों की संख्या को ज्यादा देखकर बस के चालक बस को आगे पीछे रोक देते है। बस को पकड़ने के लिए विद्यार्थियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। कई बार तो विद्यार्थी चोटिल भी हो चुके है। लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। बस स्टैंड की व्यवस्था की जाए ताकि किसी प्रकार की विद्यार्थियों को समस्या न हो। विद्यार्थी रामकुमार ने बताया कि बस शेल्टर की व्यवस्था न होने के कारण विद्यार्थियों को काफी दिक्कत आती है।

जीएम रामकुमार ने कहा कि मामला अभी संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसी कोई घटना होती है तो इसके लिए प्रशासन की तरफ से प्रबंध की कोशिश की जाएगी। ताकि विद्यार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।


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