प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत कोरोना से मौत होने पर मिलेगी 2 लाख की राशि: डीसी
डीसी सुजान सिंह ने कहा कि कोरोना से जूझते हुए किसी व्यक्ति की जान चली जाती है तो प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत उसके परिजनों को भी मुआवजा मिलेगा। इसके लिए सबसे पहले मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत पंजीकरण करवाना जरूरी है।
जागरण संवाददाता, कैथल : डीसी सुजान सिंह ने कहा कि कोरोना से जूझते हुए किसी व्यक्ति की जान चली जाती है तो प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत उसके परिजनों को भी मुआवजा मिलेगा। इसके लिए सबसे पहले मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत पंजीकरण करवाना जरूरी है।
डीसी ने कहा कि कोविड महामारी के बीच बीपीएल परिवारों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का प्रीमियम सरकार की ओर से दिया जाएगा। गरीब परिवार बैंक में जाकर फार्म भरें ताकि उन्हें प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ मिल सके। बीपीएल या 1 लाख 80 हजार रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवार के 18 से 50 वर्ष तक के नागरिक इस योजना के लिए पात्र है। पंजीकरण करवाने वाले नागरिक के परिवार को कोरोना समेत किसी भी कारण से 31 मई के बाद प्राकृतिक मृत्यु होने पर 2 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। बीपीएल परिवार के 18 से 50 वर्ष आयु के व्यक्ति की 1 मार्च से 31 मई 2021 तक कोरोना के कारण मृत्यु हो गई है तो उन्हें भी 2 लाख रुपए का एक्स-ग्रेशिया अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोई भी बीपीएल या 1 लाख 80 हजार रूपये से कम वार्षिक आय वाला परिवार सीएमपीएसवाइडाटहरियाणाडाटजीओवीडाटइन पर पंजीकरण करवा सकता है या फिर सीएससी से भी सम्पर्क किया जा सकता है। राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक व्यक्ति को 330 रुपये की बीमा प्रीमियम राशि का भुगतान किया जाएगा।
कोविड के कारण माता-पिता की मृत्यु के बाद अनाथ बच्चों को मिलेगी आर्थिक सहायता : डीसी
जासं, कैथल : डीसी सुजान सिंह ने बताया कि सरकार ने निर्णय लिया है कि अगर कोरोना के कारण किसी बच्चे के माता-पिता की मृत्यु हो जाती है और वह अनाथ हो जाता है तो उस बच्चे को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत पालन-पोषण के लिए आर्थिक मदद दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत अनाथ हुए बच्चों को पालन-पोषण करने के लिए 18 वर्ष तक 2500 रुपये प्रति बच्चा प्रति महीने सरकार द्वारा दिए जाएंगे। बच्चों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता अवधि जमा के रूप में बैंक खाते में डाल दी जाएगी और 21 वर्ष की आयु होने पर बच्चे को मैच्योरिटी राशि दे दी जाएगी। इसके अलावा 18 वर्ष तक की आयु तक जब तक बच्चा पढ़ाई करेगा तब तक 12000 रुपये अन्य खर्चों के लिए भी सरकार द्वारा राशि प्रदान की जाएगी।
उन्होंने बताया कि जिन बच्चों के देखभाल करने वाला परिवार का कोई अन्य सदस्य नहीं है, उनकी देखभाल बाल संस्थान द्वारा की जाएगी। जिन लड़कियों ने किशोरावस्था में अपने माता-पिता को खोया है उन्हें कस्तूरबा गांधी बाल विद्यालय में आवासीय शिक्षा मुफ्त दी जाएगी। इन बालिकाओं को मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत 51000 रुपये भी उनके खाते में डाल दिए जाएंगे, विवाह के समय उन्हें ब्याज सहित पूरी राशि दी जाएगी।