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हेपेटाइट्स-बी के 250 मरीजों का शुरू हुआ इलाज

जिला नागरिक अस्पताल में काला पीलिया (हेपेटाइट्स सी) के मरीजों की संख्या सात हजार 66 तक पहुंच गई है इनमें से 5150 मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं। अन्य मरीजों का इलाज चल रहा है। सबसे बड़ी बात यह है की हेपेटाइट्स बी का इलाज भी यहां शुरू हो गया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Feb 2021 06:34 AM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2021 06:34 AM (IST)
हेपेटाइट्स-बी के 250 मरीजों का शुरू हुआ इलाज
हेपेटाइट्स-बी के 250 मरीजों का शुरू हुआ इलाज

सुरेंद्र सैनी, कैथल : जिला नागरिक अस्पताल में काला पीलिया (हेपेटाइट्स सी) के मरीजों की संख्या सात हजार 66 तक पहुंच गई है, इनमें से 5150 मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं। अन्य मरीजों का इलाज चल रहा है। सबसे बड़ी बात यह है की हेपेटाइट्स बी का इलाज भी यहां शुरू हो गया गया है। बी के 250 मरीजों के जांच के बारे में सामने आए हैं, जिनके इलाज की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। वैसे इस महामारी के मरीजों की संख्या 10 हजार के करीब है। सबसे ज्यादा केस राजौंद क्षेत्र में हैं।

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यहां कई गांव तो ऐसे हैं, जहां हर घर में काला पीलिया का मरीज है। कई घर तो ऐसे हैं जहां एक घर के सभी सदस्य इस बीमारी की चपेट में हैं। राजौंद के बाद कैथल और गुहला क्षेत्र के कई गांव में बीमारी का प्रकोप तेजी से फैल रहा है।

पूरी तरह से मुफ्त है इलाज

हेपेटाइट्स की बीमारी का इलाज पूरी तरह से निशुल्क है। चार-पांच साल पहले इस बीमारी के इलाज को लेकर लोगों को रोहतक पीजीआई जाना पड़ता था। जांच और इलाज की प्रक्रिया वहीं से शुरू होती थी। इस कारण मरीजों का पैसा भी काफी खर्च होता था। सरकार ने इस बीमारी के इलाज को लेकर जिला स्तर के अस्पतालों में यह सुविधा शुरू की। पहले हेपेटाइट्स सी की सुविधा शुरू की आठ माह से बी के इलाज की भी सुविधा यहां मिल रही है। बीमारी की जांच को लेकर कूपन दिया जाता है। प्राइवेट लैब में मरीजों को जांच करवाने के बाद बीमारी की पुष्टि होने पर सिविल अस्पताल से इलाज शुरू होता है।

इलाज की निशुल्क सुविधा

महामारी के नोडल अधिकारी डा. राजीव मित्तल ने बताया कि काला पीलिया को लेकर सी और बी दोनों प्रकार के वायरस के इलाज की निशुल्क सुविधा है। ओपीडी में आने वाले व्यक्ति की पहले जांच करवाई जाती है, जांच में बीमारी सामने आने पर इलाज शुरू होता है। सात हजार से ज्यादा हेपेटाइट्स-सी के मरीज सामने आ चुके हैं। इनमें से पांच हजार से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं। लोगों से अपील है कि इस बीमारी से बचाव को लेकर विशेष ध्यान दें। जांच करवाने के बाद इलाज की प्रक्रिया को पूरा करें। अधूरे में इलाज छोड़ने पर नुकसान हो सकता है।


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