दुबई भिजवाने के नाम पर दो दोस्तों से हड़पे 6.73 लाख रुपये
दुबई भिजवाने के नाम पर दो दोस्तों से छह लाख 73 हजार 650 रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। सिविल लाइन थाना पुलिस ने दिल्ली निवासी महिला और उसके दो बेटों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
जागरण संवाददाता, कैथल : दुबई भिजवाने के नाम पर दो दोस्तों से छह लाख 73 हजार 650 रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। सिविल लाइन थाना पुलिस ने दिल्ली निवासी महिला और उसके दो बेटों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि दुबई भिजवाने के लिए 20 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था। आरोपितों ने किस्तों में उक्त रकम लेने की बात कही। छह लाख 73 हजार रुपये लेने के बावजूद आरोपितों ने विदेश नहीं भिजवाया। जब पैसे वापस मांगे तो जान से मारने की धमकी दी।
पुलिस को दी शिकायत में रेलवे गेट निवासी उमेश कुमार और डिफेंस कालोनी गली नंबर नौ निवासी नवराज सिंह ने बताया कि वह आपस में दोस्त हैं। उमेश कुमार की मोहल्ले के पास ही इनर्वटर-बैटरी की दुकान है। दोनों का करनाल के गांव शाहदपुरा निवासी मनोज कुमार के पास आना-जाना था। वहां उठना-बैठना होने के कारण मनोज के सामने विदेश जाने की बात कही तो मनोज ने दिल्ली निवासी एक महिला से जानकारी होने की बात कही। बताया कि उनका दुबई में बहुत अच्छा कारोबार है। बातचीत के बाद उसने इन लोगों से मिलवाने की बात कही। 28 मई 2020 को वह मनोज के माध्यम से सरिता भटनागर को मिला तो उसने आश्वासन दिलवाया कि वह उसका लड़का लक्ष्य जिसकी ट्रैडिग कम्पनी की ब्रांच दिल्ली, दुबई व अन्य शहरों में है। वह दोनों को उसकी ब्रांच ऑफिस दुबई में ट्रैडिग बिजनेस में नौकरी दिलवा देगी और विदेश भिजवाने की सारी जिम्मेदारी उसकी रहेगी। शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपितों ने उसे पूरा विश्वास दिलवाया कि वह उसे और उसके दोस्त विदेश में सैटल कर देंगे। आरोपितों ने इस काम के लिए कुछ पैसे मांगे तो उसने किस्तों में पैसे देने की बात कही। इस तरह से उसने दोनों को विदेश भिजवाने के लिए 20 लाख रुपये मांगे।
किस्तों में पैसे लेकर दुबई भिजवाने की कही बात
उमेश कुमार ने बताया कि वह मनोज कुमार पर विश्वास करता था। इसलिए दोनों ने 20 लाख रुपये देने की बात कही। 10 लाख रुपये उसे और 10 लाख रुपये नवराज को देने थे। आरोपित सरिता भटनागर ने दोनों को बुलाकर किस्तों में पैसे लेने की बात कही। उसी दिन कुछ पैसे मांग भी लिए। आरोप लगाया कि सरिता और उसके बेटों से फोन पर बातचीत भी हुई। 11 अगस्त 2020 को पंजाब नेशनल बैक कैथल से 92 हजार रुपये आरोपितों के बताए खाता में ट्रांसफर किए। इसके बाद आरोपितों ने कहा कि चिता मत करो, दुबई भिजवाकर वहां काम दिलवा देंगे। आठ सितंबर 2020 को नवराज ने एक लाख 25 हजार रुपये एनइएफटी, चार अप्रैल 2020 को फिर एक लाख 20 हजार रुपये डाल दिए। पांच सितंबर को उमेश ने तीन लाख रुपये, आरटीजीएस के माध्यम से खाता में जमा करवाए। नौ अक्टूबर 2020 को नवराज ने 36 हजार 650 रुपये खाता में भेजे।
इस तरह से कुल छह लाख 73 हजार 650 रुपये आरोपितों को दिए। पैसे लेने के बाद आरोपितों ने कहा कि जल्द ही काम हो जाएगा। इसके बाद आरोपित उन्हें झूठा आश्वासन देते रहे। न तो विदेश भेजा और न ही पैसे वापस किए। इस तरह से मां-बेटों ने उनके साथ छह लाख 73 हजार 650 रुपये की धोखाधड़ी की।