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खेल कोटा में डी ग्रुप में भर्ती हुए 1518 युवाओं की नौकरी पर लटकी तलवार

सरकार की ओर से हरियाणा में करीब 18 हजार युवाओं को ग्रुप-डी में भर्ती किया था। इनमें 1518 उम्मीदवार खेल कोटा में भर्ती हुए थे। खेल के डी-ग्रेडेशन सर्टिफिकेट के आधार पर युवाओं को नौकरी मिली थी। ग्रेडेशन सर्टिफिकेट की जांच को लेकर 105 युवाओं ने हाईकोर्ट में सरकार के खिलाफ केस किया हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 06:36 AM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 06:36 AM (IST)
खेल कोटा में डी ग्रुप में भर्ती हुए 1518  युवाओं की नौकरी पर लटकी तलवार
खेल कोटा में डी ग्रुप में भर्ती हुए 1518 युवाओं की नौकरी पर लटकी तलवार

सुनील जांगड़ा, कैथल : सरकार की ओर से हरियाणा में करीब 18 हजार युवाओं को ग्रुप-डी में भर्ती किया था। इनमें 1518 उम्मीदवार खेल कोटा में भर्ती हुए थे। खेल के डी-ग्रेडेशन सर्टिफिकेट के आधार पर युवाओं को नौकरी मिली थी। ग्रेडेशन सर्टिफिकेट की जांच को लेकर 105 युवाओं ने हाईकोर्ट में सरकार के खिलाफ केस किया हुआ है। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अब खेल विभाग ने सभी जिलों के खेल अधिकारियों को इस संबंध में पत्र जारी किया है। भर्ती हुए सभी खिलाड़ियों को 15 दिनों के अंदर-अंदर दोबारा से खेल का डी-ग्रेडेशन सर्टिफिकेट बनवाकर संबंधित विभाग में जमा करवाना होगा। 13 अक्टूबर को पत्र जारी हुआ है और 28 अक्टूबर तक सर्टिफिकेट बनवाने का कार्य किया जाएगा। जिला खेल विभाग में युवा अपने कागजात लेकर पहुंचना शुरू हो गए हैं। तीन युवाओं ने कागजात जमा करवाए हैं, जिनमें से कबड्डी खिलाड़ी मंदीप के कागजात सही पाए गए हैं। विभाग ने कागजातों की जांच के लिए हैंडबाल कोच डा. राजेश कुमार, जूडो कोच जोगिद्र, बॉक्सिग कोच अमरजीत, वुशू कोच रीटा और कबड्डी कोच रोहताश की एक कमेटी बनाई है।

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इस बात को लेकर उलझा है मामला

सरकार की ओर से अप्रैल 2018 में ग्रुप-डी की भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था। 25 मई 2018 को खेल विभाग की ओर से डी ग्रेडेशन सर्टिफिकेट बनाने को लेकर नए निर्देश जारी कर दिए थे। युवाओं ने इस भर्ती के लिए 1993 की खेल नीति के अनुसार बने डी-ग्रेडेशन सर्टिफिकेट लगा दिए थे। 31 जनवरी 2019 को युवाओं ने विभिन्न विभागों में ज्वाइन कर लिया था। उसके बाद युवाओं ने नई खेल नीति को लेकर ग्रेडेशन सर्टिफिकेट ना बने होने का हवाला देकर सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में केस कर दिया था।

यह हुआ था बदलाव

खेल नीति 1993 के अनुसार अगर कोई भी खिलाड़ी राज्य या जिला स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में भाग लेता था तो उसका डी-ग्रेड का सर्टिफिकेट खेल विभाग बनाकर देता था। 25 मई 2018 के नए निर्देशों के अनुसार अंडर-19 और सीनियर लेवल के खेलों में राज्य या जिला स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में पहला, दूसरा या तीसरा स्थान प्राप्त करने वालों का ही डी-ग्रेड का ग्रेडेशन बनाया जाएगा।

डी-ग्रेडेशन के सर्टिफिकेट पर भर्ती हुए डी-ग्रुप के युवा जिला खेल कार्यालय में पहुंच रहे हैं। कागजातों की जांच करने के लिए उन्होंने पांच खेल प्रशिक्षकों की एक कमेटी बना दी है। कागजातों की पूरी जांच होने के बाद ही डी-ग्रेड का दोबारा से सर्टिफिकेट बनाकर दिया जाएगा।

- राज यादव, जिला खेल अधिकारी कैथल।


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