बीमा कंपनी को 10 लाख रुपये मुआवजा देने के आदेश, जुर्माना भी लगाया
जिला उपभोक्ता फोरम ने एक बीमा कंपनी को फटकार लगाते हुए सड़क दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति की पत्नी को दस लाख रुपये मुआवजा देने के आदेश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल: जिला उपभोक्ता फोरम ने एक बीमा कंपनी को फटकार लगाते हुए सड़क दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति की पत्नी को दस लाख रुपये मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। इस बारे में मृतक की पत्नी गांव पोलड़ निवासी गुरविद्र कौर ने जिला उपभोक्ता फोरम में याचिका दायर की थी। शिकायत के अनुसार उसके पति बाज सिंह ने एक फरवरी 2016 को टाटा एआइजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी से एक्सिस बैंक के माध्यम से दस लाख रुपये का बीमा करवाया था। यह बीमा एक फरवरी 2016 से लेकर 31 जनवरी 2019 तक वैध था। बाज सिंह ने इस बीमे का सारा प्रीमियम भर दिया था। इस बीच जब बाज सिंह मोटरसाइकिल पर 31 अक्टूबर 2017 को रामथली से गुहला जा रहा था तो बीच रास्ते में एक गाय को बचाने के लिए उसकी मोटरसाइकिल एक अन्य मोटरसाइकिल से जा टकराई, जिससे बाज सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे चंडीगढ़ के पीजीआइ में भर्ती करवाया गया, जहां आठ नवंबर 2017 को उसकी मौत हो गई। इधर, एक दिसंबर 2017 को पुलिस ने इस बारे में एफआइआर दर्ज कर ली। बाज सिंह की मृत्यु के पश्चात उसकी पत्नी गुरविद्र कौर ने बीमा कंपनी टाटा एआइजी के पास बीमा राशि लेने के लिए लिखा, लेकिन बीमा कंपनी ने यह कहकर बीमा राशि देने से मना कर दिया कि घटना के समय बाज सिंह ने शराब पी हुई थी और वह होश में नहीं था। इस बात से आहत होकर गुरविद्र कौर ने अपने वकील राकेश कुमार के माध्यम से जिला उपभोक्ता फोरम में याचिका दायर की। फोरम ने फैसला सुनाते हुए उपरोक्त बीमा कंपनी को आदेश दिए कि शिकायतकर्ता गुरविद्र कौर को दस लाख रुपये का मुआवजा नौ प्रतिशत ब्याज सहित 45 दिन के अंदर दिया जाए। इसके अलावा मानसिक परेशानी के लिए दस हजार रुपये का मुआवजा भी देने के आदेश भी जिला उपभोक्ता फोरम ने दिए हैं। अपने 12 पन्नों के आदेश में जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष डीएन अरोड़ा, सदस्य राजवीर सिंह और सुमन राणा ने कई केसों का हवाला भी दिया है।