ओपी चौटाला बोले- पार्टी छोड़कर जाने वालों को पहचानो, एेसे लोगों के लिए इनेलो में जगह नहीं
ओमप्रकाश चौटाला पोते सांसद दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला का नाम लिए बिना बोले कि गद्दारों के लिए इस पार्टी में कोई जगह नहीं है।
जेएनएन, कैथल। पैरोल लेकर जेल से बाहर आए इनेलो सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला कैथल पहुंचे। यहां उन्होंने कार्यकर्ताओं की बैठक ली। पोते सांसद दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला का नाम लिए बिना बोले कि गद्दारों के लिए इस पार्टी में कोई जगह नहीं है। अपने स्वार्थ के लिए पार्टी को जो छोड़कर गए हैं उनकी पहचान कर लो। ऐसे लोगों को दोबारा पार्टी में शामिल करने की सिफारिश नहीं करनी है।
उन्होंने कहा कि इनेलो ही मेरा परिवार है। पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व. देवीलाल के लगाए इस पौधे को सींचने का काम किया। पौधा फल तो दे रहा है, लेकिन कुछ लुटेरे इसे खा रहे हैं। इसके लिए वे अपनेआप को ही दोषी मानते हैं। परवरिश तो की, लेकिन रखवाली ठीक से नहीं कर पाए। पहले भी 1977 और 1989 में इस तरह से हालात बन चुके हैं, इसलिए कार्यकर्ता ऐसे स्थिति से दुखी न होकर पार्टी संगठन को मजबूत करने का काम करें, जो लोग नाराज हैं उन्हें मनाएं और दूसरे दलों के नाराज कार्यकर्ताओं से भी संपर्क कर संगठन को मजबूत करने का काम करें।
मैं कैदी हूं, मुश्किल से छुट्टी मिलती है
चौटाला ने अपना भाषण शुरू करते ही कहा कि वे देरी से कार्यकर्ताओं के बीच में आए हैं। इसका कारण यह है कि वे कैदी है और मुश्किल से छुट्टी मिल पाती है। कई बार तो मिली हुई छुट्टी भी रद करवा दी जाती है। लोकसभा चुनाव नजदीक हैं, इसलिए कार्यकर्ता एकजुटता दिखाते हुए पार्टी को मजबूत करने का काम करें। जब यह सुन पंडाल में बैठे कार्यकर्ता नारे लगाने लगे तो चौटाला ने कहा कि नारे न लगाओ, अगर नारे लगाने से काम चलता तो वे अकेले ही लगा लेते।
उन्होंने कहा, सभी को यहां से जाने के बाद घरेलू या अन्य कामकाज होगा, लेकिन वे तो जेल में खाली ही बैठे रहते हैं, इसलिए पूरे दिन नारे लगा सकते हैं। लोकसभा चुनाव अप्रैल या मई में हो सकते हैं। वे चुनाव से पहले लोगों के बीच में आएंगे, इसके लिए चाहे जेल तोड़कर ही क्यों न आना पड़े।