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आइसोलेशन वार्ड में 45 संक्रमितों की देखरेख के लिए मात्र दो चिकित्सक, 9 स्टाफ नर्स

जिले में कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। जहां चार माह में मात्र 262 संक्रमित मरीज थे वहीं मात्र डेढ माह में मरीजों की संख्या दो हजार के पार पहुंच गई है। 30 लोग कोरोना से लड़ते हुए जिदगी की जंग हार चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 06:22 AM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 06:22 AM (IST)
आइसोलेशन वार्ड में 45 संक्रमितों की देखरेख  के लिए  मात्र दो चिकित्सक, 9 स्टाफ नर्स
आइसोलेशन वार्ड में 45 संक्रमितों की देखरेख के लिए मात्र दो चिकित्सक, 9 स्टाफ नर्स

जागरण संवाददाता, कैथल : जिले में कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। जहां चार माह में मात्र 262 संक्रमित मरीज थे, वहीं मात्र डेढ माह में मरीजों की संख्या दो हजार के पार पहुंच गई है। 30 लोग कोरोना से लड़ते हुए जिदगी की जंग हार चुके हैं।

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जिले में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है, वहीं स्वास्थ्य विभाग के पास चिकित्सक, स्टाफ और संसाधनों की कमी है। जिले में एक्टिव केस साढ़े 400 से ज्यादा है। इनमें से 45 के करीब मरीज सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल हैं।

इन मरीजों की देखरेख को लेकर मात्र दो चिकित्सक, नौ स्टार्फ नर्स और आठ अटेडेंट लगाए हुए हैं, जो मरीजों की संख्या को देखते हुए बहुत ही कम है। विभाग की तरफ से चार चिकित्सक और अन्य स्टाफ की संख्या को बढ़ाने के लिए डिमांड भेजी गई है। वहीं कोरोना पॉजिटिव मरीजों को अस्पताल लाने के लिए तीन कोविड एंबुलेंस हैं, वहीं एक एंबुलेंस मृत्यु होने पर शव को ले जाने के लिए रखी गई है।

आइसोलेशन वार्ड के शीशे तोड़कर फरार हो गए थे कोरोना मरीज

सिविल अस्पताल में पिछले माह एक कोरोना संक्रमित मरीज ने गैस लीक होने की अफवाह फैला दी थी। इसके बाद कोरोना मरीज आइसोलेशन वार्ड के शीशे को तोड़ते हुए फरार हो गए थे। इसकी जानकारी मिलने के बार अस्पताल में हड़कंप मच गया था। सिविल लाइन थाना पुलिस और सिविल सर्जन ने मौके पर पहुंचकर मरीजों को शांत किया था। अगले दिन अफवाह फैलाने वाले मरीज की पहचान कर पुलिस को शिकायत दी गई थी। वार्ड के अंदर और बाहर स्टाफ कम होने के कारण मरीज शीशे तोड़कर फरार हो गए थे, यदि पर्याप्त स्टाफ और सुरक्षा के कड़े प्रबंध होते तो शायद मरीज वार्ड से बाहर नहीं जा पाते। इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लेते हुए वार्ड के बाहर सिक्योरिटी के प्रबंध कड़े किये।

दो प्राइवेट अस्पतालों में 56 कोरोना बेड

सिविल अस्पताल के साथ-साथ विभाग की तरफ से 34 कोरोना केयर सेंटर बनाए गए हैं। इसके अलावा शाह अस्पताल में 44 और सिग्नस अस्पताल में 12 कोरोना बेड और वेंटिलेटर के लिए अलग से आइसीयू वार्ड बनाया गया है।

सिविल अस्पताल में पहले 100 बेड थे। यहां 29 बेड कम करते हुए 71 बेड इस समय लगाए गए हैं। पहले अस्पताल का ऑपरेशन थियेटर भी कोरोना वार्ड था। इस माह से वहां कोरोना बेड हटाकर ऑपरेशन थियेटर शुरू किया गया है। सिविल अस्पताल के साथ ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में भी चिकित्सक, स्टाफ और संसाधनों की कमी खल रही है। पर्याप्त संसाधन न होने के कारण मरीजों की जांच और उन्हें आइसोलेट करने में दिक्कत आ रही है।

सिविल सर्जन डा. जयभगवान जाटान ने बताया कि कोरोना महामारी को लेकर विभाग पूरी तरह से सतर्क है। चिकित्सकों और स्टाफ की कमी को देखते हुए डिमांड भेजी गई है। तीन कोविड एंबुलेंस और एक शव ले जाने के लिए एंबुलेस उपलब्ध है। इनकी संख्या बढ़ाने के लिए उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार निजी संस्थान से संपर्क किया जा रहा है। एएलएस एंबुलेंस के लिए 15 रुपये प्रति किलोमीटर और वीएलएस एंबुलेंस के लिए सात रुपये प्रति किलोमीटर पैसे देकर प्रयोग में लाया जाएगा। वहीं आइसोलेट मरीजों की देखरेख को लेकर एक टीम गठित की है। जिले में 34 कोरोना केयर सेंटर बनाए गए हैं।


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