43 केंद्रों पर 15 हजार 202 आवेदकों ने दी एचएसएससी की लिखित परीक्षा
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) ग्रुप डी की लिखित परीक्षा के दूसरे दिन 15 हजार 202 परीक्षार्थियों पहुंचे। दोनों चरणों में 35 शिक्षण संस्थानों में 43 केंद्रों पर 22 हजार 996 परीक्षार्थियों ने परीक्षा देनी थी। सुबह के चरण में सात हजार 581 तथा सांय के चरण में सात हजार 621 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी।
जागरण संवाददाता, कैथल : हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) ग्रुप डी की लिखित परीक्षा के दूसरे दिन 15 हजार 202 परीक्षार्थियों पहुंचे। दोनों चरणों में 35 शिक्षण संस्थानों में 43 केंद्रों पर 22 हजार 996 परीक्षार्थियों ने परीक्षा देनी थी। सुबह के चरण में सात हजार 581 तथा सांय के चरण में सात हजार 621 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। परीक्षा को लेकर सभी केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। परीक्षार्थियों को पांच स्तरीय जांच के बाद ही कमरों में प्रवेश दिया गया। जिला प्रशासन ने परीक्षा को नकल रहित करवाने के लिए 11 ड्यूटी मजिस्ट्रेट को उड़नदस्ता अधिकारी नियुक्त किया था।
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परीक्षा केंद्र ढूंढने और
पहुंचने में हुई परेशानी
प्रदेश के दूसरे जिलों से आए परीक्षार्थियों को शहर से बाहर स्थित केंद्रों को ढूंढने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बसों में जिद्दोजहद के बाद जब परीक्षार्थी बस स्टैंड पहुंचे तो आटो चालकों ने भी जमकर मनमानी की। परीक्षार्थियों को केंद्र तक पहुंचने के लिए तीन से चार ऑटो तक बदलने पड़े।
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दुकानदारों ने सामान रखने के लिए 20 से 30 रुपये की वसूली
सभी केंद्रों के बाहर दुकानदारों ने परीक्षार्थियों का सामान जमा करवाने के बाहर चस्पा कर दी थी, जिस पर रेट भी लिखा था। मोबाइल व बैग जमा करवाने पर 20 से 30 रुपये वसूली की गई। परीक्षार्थियों का कहना था कि अन्य जिलों से आने के कारण मोबाइल व बैग लाना उनकी मजबूरी है और इसी का फायदा दुकानदार उठा रहे हैं। आयोग को सामान रखने की व्यवस्था भी करनी चाहिए।
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शहर में रही जाम की स्थित
परीक्षा के कारण शहर में दूसरे दिन भी यातायात व्यवस्था बेपटरी रही। पिहोवा चौक, करनाल रोड, अंबाला रोड और विशेषकर अंबाला बाइपास से लेकर जींद बाइपास तक जाम ही जाम रहा। घंटों तक वाहन चालक जाम में फंसे रहे। कर्मचारियों की कमी व ड्यूटी केंद्रों पर लगी होने कहीं भी पुलिसकर्मी नहीं दिखाई दिए।
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बीटेक, पीएचडी धारक
भी पहुंचे परीक्षा देने
हिसार निवासी आजाद जो एमए अंग्रेजी, बीएड, एचटेट तथा सीटेट कर चुका है, ने बताया कि जब तक शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार नहीं मिल जाता है शांति से नहीं बैठ सकते हैं। बेरोजगारों की बढ़ती संख्या से वे परेशान रहते हैं। यही कारण है मजबूरी में चतुर्थ श्रेणी परीक्षा भी देनी पड़ रही है। वहीं बीटेक कर चुके भिवानी निवासी अमीत ने कहा कि निजी कंपनियां लाखों खर्च के बाद भी आठ से 10 हजार रुपये की नौकरी दे रही हैं। इससे तो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही बेहतर है।
बॉक्स : शांतिपूर्ण ढंग से परीक्षा संपन्न
परीक्षा नोडल अधिकारी एसडीएम कमलप्रीत कौर ने कहा कि दोनों दिन परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई है। आगामी 17 व 18 नवंबर को भी परीक्षा ली जाएगी, जिसको लेकर भी सारी व्यवस्था की जा चुकी है।