सीवन पब्लिक स्कूल में हवन के साथ नए शिक्षा सत्र का शुभारंभ
सीवन पब्लिक स्कूल में हवन मंत्रोच्चारण व गुरु महाराज की अरदास के साथ नए शिक्षा सत्र 2021-22 का शुभारंभ किया। इस हवन में स्कूल मैनेजर पवन कुमार शर्मा कोषाध्यक्ष अंकुश गुप्ता प्रधानाचार्य कुलभूषण शर्मा स्कूल स्टाफ सदस्यों व विद्यार्थियों ने हवन में पूर्णाहुति डाली व गुरु की अरदास की।
संवाद सहयोगी, सीवन : सीवन पब्लिक स्कूल में हवन, मंत्रोच्चारण व गुरु महाराज की अरदास के साथ नए शिक्षा सत्र 2021-22 का शुभारंभ किया। इस हवन में स्कूल मैनेजर पवन कुमार शर्मा, कोषाध्यक्ष अंकुश गुप्ता, प्रधानाचार्य कुलभूषण शर्मा, स्कूल स्टाफ सदस्यों व विद्यार्थियों ने हवन में पूर्णाहुति डाली व गुरु की अरदास की। यह जानकारी देते हुए स्कूल के प्रधान अमरेंद्र सिंह खारा ने बताया कि भारतीय पुरातन संस्कृति के अनुसार सभी शिक्षण संस्थाओं में अप्रैल से नए सत्र का शुभारंभ हो जाता है।
इसी प्रथा के अनुसार सीवन पब्लिक स्कूल में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी हवन यज्ञ व गुरु अरदास के साथ सत्र का आगाज किया गया। उन्होंने कहा कि किसी भी नूतन कार्य के शुरूआत से पहले ईश्वर की स्तुति करना हमारी संस्कृति का हिस्सा है। प्रधानाचार्य कुलभूषण शर्मा ने नई कक्षा में उत्तीर्ण हो पहुंचे विद्यार्थियों को बधाई संदेश दिया। नए दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों का स्वागत भी किया। इस अवसर पर स्कूल के को-ऑर्डिनेटर ममता गांधी, निर्दोष कौर, रमनदीप कौर, कुलदीप कौर, मुनीश कुमार, सुखबीर सिंह सहित अन्य स्टाफ सदस्य मौजूद थे।
नव साहित्य सभा की बैठक में सुनाई कविताएं
संवाद सहयोगी, सीवन : नव साहित्य सभा की बैठक सेवानिवृत्त सूबेदार मोती राम जांगड़ा के कार्यालय में हुई। सभा के अध्यक्ष डा. चतुर्भुज बंसल सौथा ने सबसे पहले अपनी हास्य कविता चोरों की मत मारी, बड़े ही रोचक विधि से प्रस्तुत की। इसके बाद गीतकार रामबिलास स्नेही ने अपनी रचना को कुछ इस अंदाज में पेश किया, सुनो-सुनो महामाया की माया, कहता हूं अपरंपार, मोटर एक तैयार हुई, जाने को माता के दरबार। गीतकार मुंशी राम हंस ने भी मजदूरों की दयनीय दशा पर प्रकाश डालते हुए अपनी रचना को प्रस्तुत की। मोती राम जांगड़ा ने अपनी रचना कस्बा सीवन पर पेश की व कहा, सीवन है ये सीवन है, इस सीवन जैसा गाम नहीं, जगह-जगह बस यहां रुकती, पर बस स्टैंड का नाम नहीं। सभा के समापन पर अध्यक्ष डा. चतुर्भुज बंसल ने बताया कि इस नव साहित्य सभा की बैठक का आयोजन माह में एक बार किया जाता है।