आंदोलनरत पालिका कर्मचारियों ने शुरू की भूख हड़ताल
पालिका से हटाए गए सफाई कर्मचारियों का गुस्सा उफान पर है। सरकार द्वारा उनकी मांगे न मानने पर उन्होंने राज्य कमेटी के आह्वान पर पांच दिवसीय भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
संवाद सहयोगी, कलायत: पालिका से हटाए गए सफाई कर्मचारियों का गुस्सा उफान पर है। सरकार द्वारा उनकी मांगे न मानने पर उन्होंने राज्य कमेटी के आह्वान पर पांच दिवसीय भूख हड़ताल शुरू कर दी है। उनका कहना है कि नौबत परिवारों के भूखे मरने की है। जहां उन्होंने नगर की बिगड़ी सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने काम किया वहीं सरकार ने उनकी रोजी-रोटी छिनने का काम किया। इस दौरान हटाए गए कमियों ने सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। रोष प्रदर्शन के सिलसिले को समर्थन देने के लिए दूसरे कर्मचारी संगठनों ने समर्थन दे रखा है। प्रधान संजय, सदीप, संजीव, जोनी, रमन, नवीन और दूसरे सफाई कर्मियों ने कहा कि उनकी आर्थिक कमर पूरी तरह से टूट चुकी है। जब तक सरकार उन्हें वापस कार्य पर नहीं लेती तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
नगर की सफाई व्यवस्था को लगा ग्रहण:
सफाई कर्मियों को हटाए जाने से नगर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट होकर रह गई है। सामरिक महत्व के रेलवे रोड, श्री कपिल मुनि मार्ग और कैंची चौक बाजार के साथ-साथ करीब पूरे आवासीय क्षेत्र में गंदगी के ढेर पड़े हैं। स्थिति इस कद्र खराब है कि यदि जल्दी ही पालिका प्रशासन ने सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कदम नहीं उठाए तो कोई भी संक्रमण महामारी पूरे नगर को अपनी चपेट में ले सकती है। लोगों में भी बिगड़ी सफाई व्यवस्था को लेकर गुस्सा है।