डोर टू डोर कचरा उठान पर नप खर्च करेगी तीन करोड़ 24 लाख
नगर परिषद की ओर से जल्द ही डोर टू डोर कचरा उठान को लेकर टेंडर लगाया जाएगा। टेंडर लगाने को लेकर सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई है
जागरण संवाददाता, कैथल : नगर परिषद की ओर से जल्द ही डोर टू डोर कचरा उठान को लेकर टेंडर लगाया जाएगा। टेंडर लगाने को लेकर सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई है। इस बार नप की ओर से एक साल के लिए तीन करोड़ 24 लाख रुपये का टेंडर लगाया जाएगा। एजेंसी को तीन साल के लिए टेंडर दिया जाएगा। टेंडर लगाने के लिए नप को प्रशासकीय अनुमति भी मिल चुकी है।
18 अगस्त को पुराना टेंडर खत्म हो चुका है और एक महीने के लिए पुरानी एजेंसी से ही काम लिया जा रहा है। नए टेंडर की शर्तों में बदलाव किया गया है। टेंडर लेने वाली एजेंसी को कचरे को एकत्रित करने की बजाय कचरे का निस्तारण करना होगा।
इससे पहले इस टेंडर पर साल में करीब एक करोड़ 80 लाख रुपये खर्च किए जाते थे। शहरी स्थानीय निकाय विभाग और एनजीटी के निर्देशानुसार शहर को पूरी तरह से कचरा मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है। एजेंसी हर घर से और कचरा प्वाइंट से कचरा उठाएगी। शहर से रोजाना 70 से 80 टन कचरे का उठान होता है।
हर गली में लगेगी आइडी
टेंडर लेने वाली एजेंसी को शहर की हर गली में आरएफ आइडी लगानी होगी। हर आइडी का एक नंबर लगा होगा जो नगर परिषद के सिस्टम से ऑनलाइन जुड़ा होगा। जिस भी गली से कचरा उठेगा उसका संदेश नप में लगाए जाने वाले सिस्टम पर आएगा। ऐसे में अगर किसी भी गली के घरों से कचरा नहीं उठाया गया तो नप को जानकारी मिल सकेगी और एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कचरा उठाने के लिए एजेंसी को करीब 90 टीपर और 50 रिक्शा चलानी होंगी। हर वाहन पर जीपीएस सिस्टम लगा होगा। एजेंसी के हर वाहन की लोकेशन का पता लग सकेगा की वह किस एरिया में कचरा उठाने गया है।
तीन घंटे में करना होगा समाधान
टेंडर लेने वाली एजेंसी को नगर परिषद में एक शिकायत केंद्र बनाना होगा। वहां एजेंसी का कर्मचारी तैनात रहेगा। अगर कोई शहरवासी कचरे से संबंधित शिकायत करेगा तो तीन घंटे में समस्या का समाधान करना होगा। इसके अलावा अगर कचरा उठान में काम सही नहीं पाया गया तो एजेंसी को प्रति टन के हिसाब से जुर्माना लगेगा।
टेंडर लगाने की प्रशासकीय अनुमति मिल चुकी
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि डोर टू डोर कचरा उठान का टेंडर लगाने की प्रशासकीय अनुमति मिल चुकी है। नए टेंडर पर साल में तीन करोड़ 24 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे और जल्द ही टेंडर लग जाएगा।