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एक जनवरी से 30 अप्रैल तक नप को मिला एक करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स

सरकार की तरफ से शहरी क्षेत्र में जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए नगर परिषद से एनओसी लेना अनिवार्य किया हुआ है। इस फैसले से नगर परिषद की टैक्स से संबंधित आमदनी दोगुना हो गई है। इससे पहले महीने में आठ से दस लाख रुपये ही टैक्स मिलता था लेकिन अब महीने में 18 से 20 लाख रुपये का टैक्स मिल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 06:15 AM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 06:15 AM (IST)
एक जनवरी से 30 अप्रैल तक नप को  मिला एक करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स
एक जनवरी से 30 अप्रैल तक नप को मिला एक करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स

जागरण संवाददाता, कैथल : सरकार की तरफ से शहरी क्षेत्र में जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए नगर परिषद से एनओसी लेना अनिवार्य किया हुआ है। इस फैसले से नगर परिषद की टैक्स से संबंधित आमदनी दोगुना हो गई है। इससे पहले महीने में आठ से दस लाख रुपये ही टैक्स मिलता था, लेकिन अब महीने में 18 से 20 लाख रुपये का टैक्स मिल रहा है।

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एक जनवरी से 30 अप्रैल 2021 तक करीब एक करोड़ रुपये का टैक्स मिला है। इसके अलावा एक अप्रैल 2020 से 30 अप्रैल 2021 तक कुल दो करोड़ 35 लाख रुपये टैक्स जमा हुआ है। सितंबर में यह नियम लागू कर दिया गया था। नप कार्यालय में टैक्स जमा करने के लिए चार काउंटर बनाए हुए हैं ताकि लोगों को कोई परेशानी ना हो। 31 मार्च तक चली ब्याज माफी योजना का भी लोगों ने फायदा उठाया था। हालांकि नगर परिषद का सरकारी और निजी विभागों पर करीब दस करोड़ रुपये टैक्स बकाया है। अकेले शुगर मिल पर दो करोड़ 40 लाख रुपये का टैक्स बकाया है। कई बार इन विभागों को नोटिस भी दिए जा चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी टैक्स जमा नहीं हो पा रहा है। शहर में प्रॉपर्टी का सर्वे करने वाली एजेंसी के अनुसार 74 हजार प्रॉपर्टी हैं।

निर्धारित किए गए हैं रेट

शहर के लोगों को साल में एक बार ही प्रॉपर्टी टैक्स देना होता है। इसके लिए अलग-अलग रेट निर्धारित किए हुए हैं। खाली और बने हुए भवनों के लिए अलग-अलग रेट तय किए हुए हैं। खाली प्लाट या मकान का 300 वर्ग गज तक के प्लाट के लिए 50 पैसे प्रति गज, 301 से 500 गज तक के प्लाट के लिए दो रुपये प्रति गज, 501 से 1000 तक के प्लाट के लिए तीन रुपये प्रति गज, 1001 से दो एकड़ तक तीन रुपये 50 पैसे प्रति गज देने होते हैं। कामर्शियल में 50 वर्ग गज तक 12 रुपये प्रति गज, 51 से 100 तक 18 रुपये प्रति गज, 101 से 500 तक 24 रुपये प्रति गज, 501 से 1000 तक 30 रुपये प्रति गज टैक्स देना होता है।

टैक्स जमा कराने के लिए चार काउंटर बनाए गए

नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी बलबीर सिंह ने बताया कि चार महीनों में नप को करीब एक करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स प्राप्त हुआ है। लोगों को टैक्स जमा करवाने में कोई परेशानी ना हो इसके लिए चार काउंटर बनाए हुए हैं।


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