नप नहीं ले रहा बेसहारा पशुओं से होने वाले हादसों से सबक
नगर परिषद की ओर से बेसहारा गोवंश की समस्या का समाधान करने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। पशुओं के कारण कई सड़क हादसे हो चुके हैं जिनमें लोगों की जान भी जा चुकी है।
जागरण संवाददाता, कैथल : नगर परिषद की ओर से बेसहारा गोवंश की समस्या का समाधान करने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। पशुओं के कारण कई सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें लोगों की जान भी जा चुकी है। इन हादसों के बाद भी नगर परिषद कोई सबक नहीं ले रही है। शहर के लोग और सामाजिक संस्थाएं कई बार नप अधिकारियों को समस्या का समाधान करवाने के लिए बोल चुकी हैं। नगरपरिषद ने बीते दिनों गोशाला संचालकों की मीटिग बुलाई थी जो कि बेनतीजा रही। संचालकों ने बैठक में पशु लेने से मना कर दिया था। इसके बाद नप ने भी इस समस्या को लेकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। इसके बाद ना तो दोबारा से संचालकों की मीटिग बुलाई जा रही है और ना ही नप की ओर से कोई कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
शहर की हर सड़कों पर बेसहारा पशुओं की भरमार है। हुडा सेक्टर हो या कोई कालोनी हर जगह बेसहारा पशु मिलते हैं। रात के समय सड़कों पर आ जाते हैं, जिस कारण हादसे होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।
प्रशासन की ओर से पशुओं के चारे के लिए नहीं है कोई प्रबंध
कचरे के ढेर में मुंह मारते पशु
प्रशासन की ओर से पशुओं के चारे को लेकर कोई प्रबंध नहीं किया गया है। चारा नहीं मिलने के कारण पशु कचरे के ढेरों में मुंह मारते रहते हैं। अगर कोई पशु हादसे में घायल हो जाता है तो उसके इलाज के लिए भी प्रशासन की ओर से कोई प्रबंध नहीं किया गया है। सामाजिक संस्थाएं ही घायल गोवंश का इलाज करती हैं।
जिला प्रशासन ने झाड़ा पल्ला
बेसहारा गोवंश को सड़कों से हटाने के लिए जिला प्रशासन के पास अभी तक कोई प्लान नहीं है। रोजाना हादसों में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं और जिम्मेदार अधिकारी मूक दर्शक बनकर इस काम को गौण मान रहे हैं। शनिवार की रात भी कैथल-जींद रोड पर गांव कसान के पास गांव सेगा की महिला निहाली देवी की बेसहारा गोवंश की वजह से मौत हो गई। लोगों का कहना है कि ऐसी मौतों के लिए संबंधित जिम्मेदारी अधिकारियों पर केस दर्ज चाहिए।
गोशाला संचालकों की बैठक बुलाने का किया जा रहा प्रयास
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि गोशाला संचालकों की मीटिग दोबारा से बुलाने का प्रयास किया जा रहा है। समस्या के समाधान को लेकर उच्च अधिकारियों से भी मार्गदर्शन लिया जा रहा है।