सांसद नायब सैनी बोले- गुरुग्राम में मीट की दुकान बंद करने का सही फैसला
सांसद नायब सैनी शनिवार को जिला नागरिक अस्पताल में कोरोना वैक्सीन कार्यक्रम का समर्थन करने पहुंचे। उन्होंने निरीक्षण के बाद पत्रकारों से बातचीत की। पत्रकारों ने पूछा कि गुरुग्राम की नगर निगम ने नियम जारी किया है कि मंगलवार को मीट की दुकानें बंद रहेगी लेकिन ओवेसी ने धार्मिक भावना आहत होने का सवाल उठाया।
ंजागरण संवाददाता, कैथल : सांसद नायब सैनी शनिवार को जिला नागरिक अस्पताल में कोरोना वैक्सीन कार्यक्रम का समर्थन करने पहुंचे। उन्होंने निरीक्षण के बाद पत्रकारों से बातचीत की। पत्रकारों ने पूछा कि गुरुग्राम की नगर निगम ने नियम जारी किया है कि मंगलवार को मीट की दुकानें बंद रहेगी, लेकिन ओवेसी ने धार्मिक भावना आहत होने का सवाल उठाया। कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो शुक्रवार को शराब की दुकानें भी बंद होनी चाहिए।
इस पर सांसद नायब सैनी ने कहा कि यह जो निर्णय लिया गया है कि मंगलवार को मीट की दुकानें बंद रहेंगी, क्योंकि हमारे जो बाल काटने वाले लोग हैं वह भी मंगलवार को अपनी दुकानें बंद रखते हैं। इसलिए यह निर्णय सही है। ओवैसी ने जो सवाल उठाया है कि शुक्रवार को शराब के ठेके भी बंद होने चाहिए तो उनकी बात भी ठीक है। उनकी बात को भी मानना चाहिए।
गृह मंत्री अनिल विज के नूंह व पलवल इलाके में रोहिग्या मुसलमानों की वापसी पर कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है। कोई भी आ के यहां रुक जाए। विज के इस बयान पर सांसद नायब सैनी ने कहा कि विश्व का अपना प्रोटोकॉल है कि दूसरे देश का व्यक्ति अगर किसी देश में प्रवेश करता है तो उसके पास पासपोर्ट और वीजा होना चाहिए। अगर उसके पास पूरे कागजात हैं तो प्रवेश मिलना चाहिए अन्यथा नहीं। इस अवसर पर विधायक लीला राम, जिलाध्यक्ष अशोक गुर्जर, अरूण सर्राफ, ज्योति सैनी, संजय भारद्वाज, भीम सैन अग्रवाल मौजूद थे।
किसानों से मिले सांसद सैनी, बोले कृषि कानून ठीक
सांसद नायब सैनी ने कहा कि कैथल दौरे के दौरान वह किसानों से मिले हैं। उन्होंने किसानों से कृषि कानूनों को लेकर चर्चा की है। किसानों ने कानूनों को ठीक बताया है। किसानों ने कहा कि कोई दिक्कत इन कानूनों से नहीं है। अगर कोई समझने में दिक्कत होती है तो वह उनसे बातचीत करने को तैयार है। सांसद से किसानों का धरना समाप्त करने के सवाल पर कहा कि वह इस बारे में कुछ नहीं कह सकते। यह कृषि कानून किसानों की आय दोगुनी करने वाले हैं। किसानों के साथ बातचीत के दरवाजे खुले हैं। 11 दौर की वार्ता अब तक किसानों से हो चुकी है। अब किसानों पर छोड़ा गया है कि अगर किसान बातचीत करना चाहें तो उनके लिए सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हैं।