योजनाओं का लाभ लेने को भटक रहे 15 हजार पात्र भवन मजदूर
हरियाणा भवन एवं अन्य सहिरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड विभाग में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। 15 हजार के करीब पात्र भवन मिस्त्री व मजदूरों को विभाग से किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। दूसरी तरफ जो भवन मजदूर ही नहीं है, वे योजनाओं का जमकर फायदा उठा रहे हैं
जागरण संवाददाता, कैथल : हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड विभाग में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। 15 हजार के करीब पात्र भवन मिस्त्री व मजदूरों को विभाग से किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। दूसरी तरफ जो भवन मजदूर ही नहीं है, वे योजनाओं का जमकर फायदा उठा रहे हैं।
विभाग अब तक 96 हजार 67 मजदूरों का पंजीकरण कर चुका है जो वास्तविक संख्या से कहीं ज्यादा है। कैथल में मजदूरों के लिए काम करने वाली भवन निर्माण कामगार यूनियन के जिला संयोजक अशोक शर्मा ने कहना है कि कैथल में मजदूरों की वास्तविक संख्या 45 हजार से ज्यादा नहीं है। अब ये 50 हजार मजदूर कहां से आए इसका जवाब तो विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ही दे सकते हैं। उनका कहना है कि कार्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर है। मजदूरों को किसी भी योजना का लाभ लेना है तो इसके लिए दलालों को कमीशन देना ही पड़ता है। बिना कमीशन दिए किसी भी योजना का लाभ मजदूरों को नहीं मिलता है। विभाग ने करोड़ों रुपये जो बांटे हैं, उसमें से ज्यादातर तो दलाल और अपात्र लोग ही गटक गए हैं।
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एजेंट वसूल रहे 350 से एक हजार तक
नियमानुसार तो मजदूरों की कापियां बनाने के लिए विभाग को कैंप लगाना होता है, लेकिन यह काम पूरी तरह से एजेंटों पर छोड़ दिया गया है। प्राइवेट और यूनियनों के ये एजेंट गांव में जाकर ग्रामीणों से 350 रुपये से एक हजार तक वसूलते हैं। इस दौरान ये यह भी ध्यान नहीं रखते हैं कि ये मजदूर हैं या नहीं। यहां तक कि कमीशन के चक्कर में नौकरी करने वालों की भी कापियां बना दी गई हैं।
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2012 से नहीं मिला एक भी रुपया
गांव बात्ता निवासी देशराज ने बताया कि 2012 में कापी बनी थी। वह समय पर कापी रिन्यू भी करवा रहे हैं। हर साल योजनाओं का लाभ लेने के लिए आवेदन भी करते हैं, लेकिन अब तक एक रुपया उनको नहीं मिली है, बल्कि जो मजदूर नहीं है वह मशीनें और अन्य योजनाओं का लाभ ले रहे हैं।
अब तक नहीं मिली कापी
गांव कुतबपुर निवासी लवली ने बताया कि मार्च गांव में आकर कुछ लोगों ने सबके कागज व पैसे लिए थे। आठ महीने हो चले हैं अब तक कापी नहीं मिली हैं। कार्यालय में जाते हैं तो वे इसे अवैध बताते हैं। वहीं एजेंट या तो फोन नहीं उठाते हैं या धमकियां देते हैं कि जो बनता है कर लो, पैसे नहीं मिलेंगे।
नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ
अमरगढ़ गामड़ी निवासी नरेश ने बताया कि चार महीने पहले कापी बनवाई थी। अब तक नहीं आई है। कापी आने के एक साल बाद योजनाओं का लाभ मिलेगा। उनके जैसे हजारों मजदूरों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
विभाग बांट चुका है करोड़ों रुपये
विभाग की 24 योजनाएं चला रखी हैं। हालांकि इनमें से कुछ योजनाएं बंद हैं, लेकिन इसके बावजूद जनवरी 2015 से अब तक विभाग 28 करोड़ 64 लाख 46 हजार 903 रुपये बांट चुका है। इसके अलावा 42 हजार मशीनें महिलाओं को वितरित कर चुका है। चार हजार मशीनें अगले कुछ दिनों वितरित की जानी हैं।