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रोडवेज वर्कशॉप में कर्मचारियों का टोटा, बढ़ी परेशानी

रोडवेज विभाग की वर्कशॉप में इन दिनों कर्मचारियों का टोटा है। स्थिति यह है कि बसों का टायर खोलने वाला टायरमैन के पद भी वर्षो से खाली पड़े हुए हैं। कार्यरत कर्मचारियों को इस स्थिति में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Dec 2019 09:33 AM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 09:33 AM (IST)
रोडवेज वर्कशॉप में कर्मचारियों  का टोटा, बढ़ी परेशानी
रोडवेज वर्कशॉप में कर्मचारियों का टोटा, बढ़ी परेशानी

सोनू थुआ, कैथल : रोडवेज विभाग की वर्कशॉप में इन दिनों कर्मचारियों का टोटा है। स्थिति यह है कि बसों का टायर खोलने वाला टायरमैन के पद भी वर्षो से खाली पड़े हुए हैं। कार्यरत कर्मचारियों को इस स्थिति में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों की कमी के चलते बसों की रिपेरिग ठीक करने में कई दिनों का समय लगता है। इस कारण जर्जर बसें सड़कों पर दौड़ाने को चालक मजबूर हैं।

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इससे पहले बसों को चलाने वाले चालक-परिचालकों की भारी कमी थी, तो अब वर्कशॉप में बसों को ठीक करने वाले कर्मचारियों की कमी है। रोडवेज वर्कशाप की ओर से हर वर्ष आइटीआइ के अप्रेंटिस छात्रों को ट्रेनिग पर बुलाया जाता है और वही बसों की देखरेख करते है। वर्ष 1993 के बाद से इस विभाग में कोई थी स्थाई भर्ती नहीं हुई है। इस कारण आइटीआइ डिप्लोमा धारक विद्यार्थियों को भी भर्ती का लंबे समय से इंतजार हैं।

वर्कशॉप में 204 पद है स्वीकृत

कैथल वर्कशॉप में बसों की मरम्मत करने के लिए करीब 204 कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं। उनमें से मात्र 107 कर्मचारी ही कार्यरत हैं। उनमें से भी हर माह अनेक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इससे कर्मचारियों की संख्या बढ़ने के बजाय लगातार घटती जा रही है। फिलहाल वर्कशाप में 97 कर्मचारियों के पद रिक्त हैं। 204 कर्मचारियों में से भी दर्जनों कर्मचारी छुट्टी पर रहते हैं। इससे बसों की मरम्मत के कार्य में बाधा आ रही है। डिपो में करीब 120 बसें हैं। उनमें से 95 करीब बसे हीं ऑन रोड रहती हैं।

रिक्त पदों के चलते बसों की सर्विस करने में आ रही दिक्कत

बस चालकों ने कहा कि डिपो में कई बसें ऐसी हैं जो हर दो से पांच किलोमीटर पर पानी उबालती हैं। बसों के रेडिएटर ठीक न होने के कारण बसों की यह स्थिति बनी हुई है। लंबे रूटों पर चलने वाली बसों की भी समय पर सर्विस व मरम्मत न होने से चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लंबे रूटों की बसें रात को देर से आने व सुबह समय से चले जाने के कारण रात के समय बसों का कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। कर्मचारियों के स्वीकृत पदों को देखा जाए तो फिलहाल करीब एक तिहाई कर्मचारी ही वर्कशॉप में बचे हुए हैं।

कर्मचारियों के रिक्त पदों के चलते आ रही परेशानी : रामबीर

रोडवेज यूनियन के प्रधान रामबीर का कहना है कि वर्कशॉप में कर्मचारियों की भारी कमी है। उससे बसों की मरम्मत समय पर नहीं हो पा रही है। दर्जनों बसें वर्कशॉप में ही मरम्मत के इंतजार में खड़ी रहती हैं। बसों की मरम्मत समय पर न होने के कारण अनेक पुरानी बसें रास्ते में ही खड़ी हो जाती हैं। यात्रियों को भी इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्हें बीच रास्ते में बस खराब हो जाने पर या तो दूसरी बसों में बैठ कर जाना पड़ता है या फिर उन्हें अन्य वाहनों में बैठ कर अपने घर पहुंचना पड़ता है।

वर्कशॉप में इस तरह से पदों की संख्या

पद पद इतने रिक्त

सहायक टायरमैन 05 05

मैकनिकल- 20 20

सहायक मैकनिकल- 46 17 हैल्पर- 41 20

स्टोरमैन- 04 04

सहायक इलेक्टोनिक- 08 08

पेंटर 01 01

वर्जन- रिपोर्ट भेजी गई है

विभाग के महाप्रबंधक रामकुमार ने बताया कि वर्कशॉप में कर्मचारियों के काफी संख्या में पद रिक्त पड़े हैं। इसके लिए विभाग के अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी गई है। अभी तक आगामी कोई आदेश नहीं आए हैं, जैसे ही कोई आदेश आएंगे, उस अनुसार काम किया जाएगा। रिक्त पदों के चलते कामकाज में दिक्कत आ रही है, फिर भी काम को बेहतर करने का प्रयास रहता है।


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