जिले के ज्यादातर स्कूलों में नहीं पहुंचा मिड डे मील राशन, 30 प्रतिशत से कम रही बच्चों की हाजिरी
गर्मी की छुट्टियों के करीब एक महीने बाद शुक्रवार से सभी स्कूल खुल गए हैं। पहले दिन ही बच्चों को मिड डे मील नहीं मिल पाया। विभाग का दावा था कि एक जुलाई से सभी स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील मिल जाएगा। ज्यादातर स्कूलों में राशन ही नहीं पहुंचा है। ऐसे में बच्चों को खाली पेट ही घर लौटना पड़ा। कुछ स्कूलों में पहले का राशन रखा हुआ था जो बनाकर बच्चों को खिलाया गया। वहीं कई स्कूलों में सफाई भी नहीं पाई गई।
जागरण संवाददाता, कैथल : गर्मी की छुट्टियों के करीब एक महीने बाद शुक्रवार से सभी स्कूल खुल गए हैं। पहले दिन ही बच्चों को मिड डे मील नहीं मिल पाया। विभाग का दावा था कि एक जुलाई से सभी स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील मिल जाएगा। ज्यादातर स्कूलों में राशन ही नहीं पहुंचा है। ऐसे में बच्चों को खाली पेट ही घर लौटना पड़ा। कुछ स्कूलों में पहले का राशन रखा हुआ था, जो बनाकर बच्चों को खिलाया गया। वहीं कई स्कूलों में सफाई भी नहीं पाई गई। पहले दिन स्कूलों में करीब 30 प्रतिशत बच्चे ही उपस्थित पाए गए। स्कूलों के प्रबंधन ने विद्यार्थियों के लिए पेयजल की व्यवस्था और कक्षाओं में सफाई करवाने के निर्देश दिए गए थे। जिलेभर के 598 स्कूलों में मिड डे मील बनाया जाता है। गीता भवन स्थित राजकीय कन्या स्कूल में मिड डे मील नहीं बनाया गया, बल्कि छात्राओं को बिस्किट बांटे गए। बताया गया कि राशन खत्म है। बहुत कम संख्या में पहुंचे बच्चे
एक जुलाई से स्कूल खुल चुके हैं और पहले ही दिन स्कूलों में बहुत कम संख्या में विद्यार्थी पहुंचे। गीता भवन स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में करीब 450 विद्यार्थी हैं, जिनमें से 100 विद्यार्थी की उपस्थित पाए गए। इस स्कूल के पास ही राजकीय सीनियर सेकेंडरी कन्या स्कूल में करीब 1800 छात्राएं हैं, जिनमें से करीब 700 छात्राएं स्कूल में उपस्थित थी। कमेटी चौक स्थित राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में करीब दो हजार लड़के हैं, जिनमें से करीब 400 लड़के ही स्कूल में पहुंचे हुए थे। जाखौली अड्डा कन्या स्कूल में छात्राओं की उपस्थिति 50 प्रतिशत के करीब रही। बच्चों की संख्या कम होने के कारण पहले दिन पढ़ाई भी प्रभावित रही। कुछ स्कूलों ने नहीं माने विभागों के आदेश
स्कूल खुलने से दो दिन पहले जिला शिक्षा अधिकारी की तरफ से पत्र जारी किया गया था। पत्र में साफ तौर पर लिखा हुआ था कि सभी स्कूल इंचार्ज अपने-अपने स्कूलों में सफाई करवाएंगे। ऐसे में कुछ स्कूल ऐसे हैं, जिन्होंने विभाग के आदेशों को नहीं माना। कमेटी चौक स्थित राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में साफ सफाई नहीं करवाई गई थी। जहां बच्चे पानी पीते हैं, वहीं पर ही गंदगी पड़ी हुई थी। इसके अलावा स्कूल में बच्चों के खेलने के मैदान में बड़ी-बड़ी घास उगी हुई थी। अब बरसात का मौसम शुरू हो चुका है और ऐसे में घास में कोई भी जीव पैदा जो सकते हैं, जिससे बच्चों को नुकसान हो सकता है। सभी स्कूलों को एक जुलाई से ही मिड डे मील शुरू करने के निर्देश जारी किए गए थे। स्कूलों में राशन भी पहुंचाया गया है। जिन स्कूलों में राशन नहीं पहुंचा इसकी जानकारी हासिल की जाएगी। सभी स्कूलों को साफ-सफाई भी निर्देश दिए गए थे।
शमशेर सिंह सिरोही, जिला शिक्षा अधिकारी